

एक राष्ट्र एक चुनाव के अनेक फायदे हैं
लखनऊ,19 मई (Udaipur Kiran) । कल्याण सिंह सनातन सेवा समिति की ओर से सोमवार को विशालखण्ड गोमतीनगर स्थित सीएमएस के सभागार में ‘एक राष्ट्र एक चुनाव क्यों’ विषय पर प्रबुद्ध संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर बोलते हुए मुख्य वक्ता आचार्य मिथिलेशनंदिनी शरण ने कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव देशहित में है। एक साथ चुनाव होने पर देश पर आर्थिक बोझ कम पड़ेगा। पहले भी लोकसभा व विधानसभाओं के चुनाव एक साथ होते थे किन्तु किसी कारणवश यह प्रक्रिया बाधित हुई। एक राष्ट्र एक चुनाव देश की आवश्यकता है। इसके लिए लोगों को जागरूक करना होगा। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक संरचना व भौगोलिक दृष्टि से भी भारत एक है। अपने संविधान, स्वभाव और प्रकृति से हम भारत के लोग लोकतांत्रिक हैं। हमारी विविधता के लिहाज से भी लोकतांत्रिक व्यवस्था ही हमारे ज्यादा अनुरूप है। अपने संविधान से हम भारत के लोग संप्रभु भी हैं। आचार्य मिथिलेशनंदिनी शरण ने कहा कि राष्ट्रगान एवं राष्ट्र के प्रति समर्पण नहीं दिखता है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधान सभा के पूर्व अध्यक्ष पद्मश्री ह्रदय नारायण दीक्षित ने कहा कि एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का विरोध करने वालों की दलीलें वास्तव में राजनीतिक हैं। वे राजनीति के लिए राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ’एक देश एक चुनाव’ जनतंत्र और राष्ट्र के लिए उपयोगी है। इसका विरोध करने वाले दल और लोग संवैधानिक भावना का सम्मान नहीं करते। उन्होंने कहा यह केवल चुनाव का विषय नहीं है। यह राष्ट्रीय एकता और संप्रभुता का भी विषय है। कुछ दल और नेता संवैधानिक ढांचे पर गलत बयानी कर रहे हैं। इससे राज्यों को क्षति नहीं होगी। उन्होंने विद्वतजनों, अधिवक्ताओं व प्रबुद्धों से अपने-अपने ढंग से इस विषय को प्रसारित व प्रसारित करने की अपील की।
कल्याण सिंह सनातन सेवा समिति के अध्यक्ष प्रशान्त भाटिया ने कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव के अनेक फायदे हैं। एक साथ चुनाव होने से पैसों की बचत होगी, क्योंकि एक साथ चुनाव होने से कई तरह की व्यय जिसे दुबारा करना पड़ता है उससे एक बार में ही निपटा जा सकता है। सरकार उस पैसे का जनहित के अन्य कार्य कर सकती है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता न्यायमूर्ति रंगनाथ पाण्डेय ने की। मंच का संचालन आत्मप्रकाश मिश्रा ने किया।
(Udaipur Kiran) / बृजनंदन
