उदयपुर, 4 नवंबर (Udaipur Kiran) । रेप के बाद आठ साल की बच्ची की हत्या और उसके शव के टुकड़े करने के मामले में सोमवार को उदयपुर पॉक्सो-2 कोर्ट ने फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कमलेश को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई है। दोषी के माता-पिता को चार-चार साल की सजा सुनाई है। हालांकि दंपती ने जमानत याचिका दायर कर रखी थी, ऐसे में उन्हें जमानत दे दी गई।
मामले में कोर्ट ने आठ दिन पहले कमलेश (21) सहित उसके माता-पिता को साक्ष्य मिटाने और सहयोग करने के आरोप में दोषी करार दिया था। मामले में आरोपी के वकील ने कोर्ट से समय मांगा था। जिस पर जज ने उन्हें चार नवंबर तक का समय दिया था। दोषी ने कोर्ट से बाहर आते हुए कहा कि मैं निर्दोष हूं, मैंने ये सब मेरे माता-पिता को बचाने के लिए किया है। मुझ पर दबाव बनाया गया है, मैं हाईकोर्ट में अपील करूंगा। मेरे मम्मी-पापा को बचाने के लिए सजा मोल ली है। मामले में कोर्ट ने कमलेश को दोषी ठहराया। युवक चॉकलेट देने के बहाने बच्ची को घर लेकर गया था। इसके बाद रेप कर बेरहमी से उसकी हत्या कर दी थी। फिर उसके हाथ, पैर, धड़ सहित शव के 10 टुकड़े कर बोरे में भर दिए थे। बच्ची इसे भैया कहकर बुलाती थी। रक्षा बंधन पर राखी बांधती थी।
बच्ची के पिता ने 29 मार्च 2023 को उसके लापता होने की रिपोर्ट मावली थाने में दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में बताया था कि बेटी दोपहर 4 बजे स्कूल आई थी। ड्रेस बदलकर ताउजी के पास जाने का कहकर निकली थी। तब से वापस नहीं लौटी। पुलिस ने डॉग स्क्वॉड की मदद से तलाश शुरू की। एक अप्रैल को पीड़िता का शव एक खंडहर में एक बोरे में पड़ा मिला। उसी दिन पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। आरोपी कमलेश घर में अकेला था। उसके माता-पिता घर नहीं थे। वह खिड़की में बैठकर मोबाइल पर पॉर्न मूवी देख रहा था। बच्ची को खेत पर जाता देखा और उसे चॉकलेट का लालच देकर आवाज लगाई। उसे अपने घर के अंदर बुलाकर बाथरूम में ले गया। कमलेश की हरकतों से बच्ची चिल्लाने लगी तो उसके मुंह में कपड़ा ठूंस दिया। बच्ची के साथ दरिंदगी के बाद उसे उठाने लगा, लेकिन बच्ची निढाल थी। आरोपी समझ गया था कि बच्ची की मौत हो चुकी है।
चार्जशीट के मुताबिक आरोपी कमलेश ने बाथरूम में ही पत्थर-छुरी से बच्ची के हाथ-पैर, धड़ सहित पूरे शरीर के अलग-अलग 10 टुकड़े किए थे। फिर उन टुकड़ों को अलग-अलग थैली में भरा था। थैलियों को टॉयलेट में छिप दिया था। कमलेश के माता-पिता को घटना की खबर दूसरे दिन 30 मार्च को लगी थी। तीनों ने मिलकर शव को ठिकाने लगाने का प्लान बनाया था। रात 11 बजे कमलेश शव के टुकड़ों से भरी बोरी घर से करीब 200 मीटर दूर बने खंडहर में फेंकने गया था। इस बीच कमलेश का पिता रामसिंह घर के बाहर व मां किशन कंवर खंडहर के बाहर खड़ी रही।
—————
(Udaipur Kiran) / रोहित