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नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में अभियुक्त दोषी, सुनाया 20 साल का कठोर कारावास

चित्तौड़गढ़ के पोक्सो कोर्ट ने नाबालिग के दुष्कर्मी को 20 साल की सजा सुनाई।

चित्तौड़गढ़, 28 मई (Udaipur Kiran) । चित्तौड़गढ़ के पोक्सो विशिष्ट न्यायालय नम्बर 1 ने नाबालिग छात्रा को स्कूल से आते समय जबरन घर के कमरे में बंद कर धमका कर दुष्कर्म करने के मामले में अभियुक्त को दोषी माना है। अभियुक्त को 20 साल के कठोर कारावास और 1 लाख 20 हजार 500 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।

विशिष्ट लोक अभियोजक गोपाल जाट के अनुसार नाबालिग की मां ने प्रकरण दर्ज करवाया था। थाने में दी गई रिपोर्ट में बताया कि उसकी पुत्री स्कूल से घर लौट रही थी। तब मंडी चौक बिजयपुर निवासी देवेन्द्र सिंह पुत्र प्रहलाद सिंह ने उसे घर के कमरे में जबरन बंद कर दिया। आरोपित ने कांच की बाेतल फोड़ कर डराते हुए हाथ बांध दिए और दुष्कर्म कर कपड़े फाड़ दिये। इस मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने अनुसंधान किया और जांच के बाद अभियुक्त देवेन्द्र सिंह को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। न्यायालय में प्रकरण के विचारन के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 16 गवाह और 20 दस्तावेज प्रदर्श कराए गए। वहीं अभियुक्त की ओर से तीन गवाह के बयान लिए। दोनों पक्षोें की बहस सुनने के बाद पोक्सो न्यायालय क्रमांक 1 की पीठासीन अधिकारी लता गौड़ ने अभियुक्त को दोषी मानते हुए आईपीसी की धारा 341 में एक माह कारावास, 500 रुपये जुर्माना, 323 व 342 में एक-एक साल कारावास 1-1 हजार रुपये जुर्माना, 365 में 3 साल कारावास और 5 हजार रुपये जुर्माना सहित 376 (3) में 20 साल का कठोर कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माना तथा पोक्सो एक्ट की धारा में 20 साल कठोर कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। इस मामले में दोषी को कुल 20 वर्ष कारावास और 1 लाख 20 हजार 500 रूपये के अर्थदंड से दंडित किया है। वहीं नाबालिक काे पीड़ित प्रतिकर राशि के रूप में 2 लाख रुपये दिए जाने के आदेश भी दिए है।

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(Udaipur Kiran) / अखिल

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