Chhattisgarh

ऋतुओं के अनुसार होनी चाहिए हमारी दिनचर्या : डाॅ अवध पचौरी

आयुर्वेद चिकित्सा के बारे में जानकारी देते हुए डा अवध पचौरी।

धमतरी, 6 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय आयुष कार्यक्रम अंतर्गत विद्या कुंज मेमोरियल स्कूल हटकेश्वर धमतरी में गुरुवार को आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डाॅ अवध पचौरी ने कक्षा नौवीं एवं 11वीं के छात्रों के साथ संवाद किया। जिसमें आयुर्वेद के सिद्धांतों की विस्तृत जानकारी स्कूलों बच्चों को दिया गया।

डाॅ अवध पचौरी ने स्कूली बच्चों का आयुर्वेद से परिचय कराते हुए इसके सिद्धांतों के जानकारी देते हुए आयुर्वेद में वर्णित पंचमहाभूत (पांच तत्व) प्रकृति, व्यक्ति, आहार और औषधि के महत्व के बारे में बताया और इनके बीच में संबंधों और उनके संतुलन से होने वाले रोग और फायदे के बारे में स्कूली बच्चों से चर्चा की। आयुर्वेद में ऋतुओं के अनुसार हमारे दिनचर्या एवं क्रियाकलाप होते हैं। वर्ष में दो काल और 12 ऋतु होती है। वसंत ऋतु हमारे शरीर के पोषण के लिए सर्वाधिक महत्व की ऋतु है इसमें हमें भूख कम लगती है। पाचन थोड़ा कम होता है रातें छोटी होने लगती हैं। बसंत ऋतु में गर्म सूप, अदरक, गिलोय, दालचीनी, खट्टे फल, आंवला शरीर के लिए अच्छा होता है। वसंत ऋतु में दैनिक व्यायाम, फल, हरी सब्जियों के साथ ही दूध, घी का उपयोग उचित मात्रा में सही ढंग से और सही समय पर करने से स्वास्थ्य में सुधार एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है।

डाॅ पचौरी ने स्कूली बच्चों को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वास्थ्य रहने के लिए नियमित योग और प्राणायाम करने की सलाह दी। जिसमें वज्रासन, पद्मासन, सूर्यनमस्कार, भस्त्रिका, कपाल भांति, अनुलोम – विलोम प्राणायाम करने की सलाह दी। स्कूली बच्चे अपने आहार पर विशेष ध्यान देते बेकरी प्रोडक्ट, बेसन, मैदा, पैकेट वाले और जंक फूड खाने से दूर रहने की बात कही। आहार में सलाद, हरी सब्जी, दालों को एवं मिलेट्स (श्री अन्न) को प्रचुर मात्रा में उपयोग करने की सलाह दी। स्कूली बच्चों को औषधीय पौधे नीम, तुलसी, मंगा, आंवला एलोवेरा, करंज, हल्दी, अदरक आदि के औषधीय गुणों एवं उनकी उपयोगिता से बच्चों को परिचय कराया। इस कार्यक्रम में शाला के प्राचार्य, शिक्षक एवं छात्रा-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा

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