Jammu & Kashmir

एसीबी ने तहसीलदार गुलाम रसूल भट को 1 लाख की रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया

श्रीनगर, 21 जून (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को हंदवाड़ा निवासी एक व्यक्ति से शिकायत मिली थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि काजियाबाद क्रालगुंड, हंदवाड़ा के तहसीलदार गुलाम रसूल भट अखरोट के पेड़ों को काटने आदि की अनुमति देने के लिए उससे रिश्वत मांग रहे हैं।

शिकायत मिलने पर मामले की जांच की गई जिसमें पता चला कि संदिग्ध गुलाम रसूल भट तहसीलदार, काजियाबाद क्रालगुंड ने अखरोट के पेड़ों को काटने की दो अनुमतियों के बदले शिकायतकर्ता से 1 लाख की रिश्वत मांगी थी और शिकायतकर्ता ने उससे अनुरोध किया था कि वह बहुत गरीब है इसलिए वह उक्त राशि का भुगतान नहीं कर सकता लेकिन तहसीलदार ने अपनी मांग पर जोर दिया और शिकायतकर्ता से कहा कि जब तक वह 50,000 की अग्रिम रिश्वत नहीं देता वह अनुमति जारी नहीं करेगा मजबूरी में शिकायतकर्ता ने उसे 50,000 का अग्रिम भुगतान किया।

लेकिन जब 50,000 की प्रारंभिक रिश्वत राशि का भुगतान करने के बाद शिकायतकर्ता ने अनुमति के लिए फिर से तहसीलदार से संपर्क किया तो उन्होंने अनुमति देने से पहले शेष 50,000 की रिश्वत राशि की मांग की और अनुमति जारी करने से पहले शेष राशि का भुगतान करने के लिए कहा।

तथ्यों के सत्यापन के बाद जो गुलाम रसूल भट, तहसीलदार काजियाबाद क्रालगुंड, हंदवाड़ा जिला कुपवाड़ा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (जैसा कि 2018 में संशोधित) की धारा 7 के तहत दंडनीय संज्ञेय अपराध का खुलासा करते हैं, पीसी अधिनियम 1988 (जैसा कि 2018 में संशोधित) की धारा 7 के तहत मामला एफआईआर संख्या 04/2025 पीएस एसीबी बारामुल्ला में दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई।

मामला दर्ज होने के बाद एसीबी की ट्रैप टीम ने आरोपी तहसीलदार और उसके दलाल रफी अहमद लोन पुत्र अब्दुल खालिक लोन निवासी पथोरा क्रालगुंड कुपवाड़ा को हंदवाड़ा में आरोपी के निजी आवास पर शिकायतकर्ता से रिश्वत मांगते और स्वीकार करते हुए रंगे हाथों पकड़ा जिसके बाद दोनों को हिरासत में ले लिया गया। तलाशी के दौरान 50,000 रुपये की रिश्वत राशि के अलावा 79,000 रुपये की नकदी भी बरामद की गई जिसे एसीबी ने जब्त कर लिया। आरोपी तहसीलदार के आवासीय और आधिकारिक परिसरों में तलाशी ली जा रही है आरोपियों को माननीय अतिरिक्त विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निरोधक न्यायालय, बारामुल्ला के समक्ष पेश किया गया जहां से उन्हें 7 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।

गौरतलब है कि वर्ष 2021 में एसीबी ने उक्त तहसीलदार के खिलाफ अवैध भूमि म्यूटेशन के लिए मामला दर्ज किया था। इसके अलावा एसीबी में उसके खिलाफ कुछ और सत्यापन चल रहे हैं। आगे की जांच चल रही है और अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों की भूमिका का पता लगाया जा रहा है।

(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता

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