Haryana

हिसार : ईआरपी पोर्टल पर स्थानांतरित होंगे शैक्षणिक, प्रशासनिक व सर्टिफिकेशन से संबंधी कार्य

पत्रकार वार्ता को संबोधित करते कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई।

गुजवि कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने दोहराया नव वर्ष का संकल्प, सेवाओं की गुणवत्ता, पारदर्शिता और दक्षता में वृद्धि करेगा विश्वविद्यालयहिसार, 2 जनवरी (Udaipur Kiran) । गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की शैक्षणिक, प्रशासनिक, परीक्षा एवं सर्टिफिकेशन से संबंधित सभी कार्यों को पूरी तरह से ईआरपी पोर्टल पर स्थानांतरित किया जाएगा। प्रशासनिक, शैक्षणिक और शोध को और बढ़ावा देने के लिए विश्वस्तरीय सॉफ्ट इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाएगा। इसके अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और आधुनिक तकनीकों पर आधारित पाठ्यक्रमों के साथ-साथ, भारतीय ज्ञान प्रणाली के क्षेत्रों में नई पहल की जाएगी। डिजिटल व पर्यावरणीय प्रबंधन को बढ़ावा देते हुए, विश्वविद्यालय अपनी सेवाओं की गुणवत्ता, पारदर्शिता और दक्षता में वृद्धि करेगा। यह बात विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में कही। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय ने नव वर्ष में नई ऊंचाइयों को छूने तथा शैक्षणिक गुणवत्ता, शोध व नवाचार के क्षेत्रों में अग्रणी बनने का संकल्प लिया है। विद्यार्थियों एवं समाज हित में नए अवसर पैदा करने के लिए और भी नए पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे। वर्तमान समय में युवा मन प्राइवेट और विदेशी शैक्षणिक संस्थानों की ओर अधिक आकर्षित हो रहे हैं लेकिन गुजविप्रौवि ने इस प्रवृत्ति को बदलने के लिए विशेष पहल की है। हमारा प्रयास विश्वविद्यालय की पहचान को मजबूत करने और युवाओं को विभिन्न करियर-उन्मुख पाठ्यक्रमों के लिए आकर्षित करने पर केंद्रित रहा। इस क्रम में विश्वविद्यालय का 360॰ वर्चुअल टूर तैयार कर के वेबसाइट पर डाला गया, जिससे देश-विदेश से कोई भी व्यक्ति विश्वविद्यालय का वास्तविक स्वरूप घर बैठे देख सकता है। इसके परिणामस्वरूप पिछले शैक्षणिक सत्र में, विश्वविद्यालय ने 20 से अधिक स्नातक (अंडर ग्रेजुएट) और स्नातकोत्तर (पोस्ट ग्रेजुएट) पाठ्यक्रम शुरू किए। इनमें से कई पाठ्यक्रमों में सीटों की संख्या बढ़ानी पड़ी है।रैंकिंग और शोध की उपलब्धियांकुलपति ने बताया कि गुजविप्रौवि ने एनआईआरएफ 2024 रैंकिंग में राज्य सार्वजनिक विश्वविद्यालयों की श्रेणी में 47वां स्थान प्राप्त किया और राष्ट्रीय स्तर पर 101-150 बैंड में जगह बनाई। विश्वविद्यालय ने वैश्विक स्तर पर टाइम्स हायर एजुकेशन यंग यूनिवर्सिटी रेंकिंग्स में 351-400 बैंड और वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रेंकिंग्स 2025 में 1201-1500 बैंड में स्थान प्राप्त किया। शोध के क्षेत्र में विश्वविद्यालय का एच-इंडेक्स 126 तक पहुंच गया है और हमारे शोध को एक लाख से अधिक बार उद्धृत किया गया है। यह हरियाणा में सर्वोच्च है।एनईपी 2020 के तहत नई पहलप्राे. बिश्नाेई ने बताया कि ये वर्ष आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का वर्ष है जिसके मद्देनजर हमने इस वर्ष से निर्णय लिया गया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत स्नातक व स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में कुछ एआई बेस्ड (कौशल विकास पाठ्यक्रम) और मूल्य वृद्धि पाठ्यक्रम (वैल्यू इनहांसमेंट कोर्सिज-वीईसी) अनिवार्य रूप से जोड़े जाएंगे। इसका उद्देश्य युवाओं को बदलते युग की चुनौतियों के लिए तैयार करना है।नए पाठ्यक्रम और एआई आधारित पहलपिछले वर्ष विश्वविद्यालय में दो बीटेक कार्यक्रम शुरू किए और इस वर्ष विश्वविद्यालय में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) व साइबर सुरक्षा पर आधारित बीटेक कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विभिन्न अनुप्रयोगों पर आधारित कई अल्पकालिक प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम विद्यार्थियों व पेशेवरों के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे।डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन

कुलपति के अनुसार आगामी वर्ष में विश्वविद्यालय पूरी तरह से कंप्यूटर आधारित फाइल प्रबंधन प्रणाली पर काम करेगा। यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट सिस्टम (यूएमएस) और लर्नर मैनेजमेंट सिस्टम (एलएमएस) के तहत सभी गतिविधियां पेपरलेस और ट्रैक करने योग्य होंगी। यह डिजिटल बदलाव न केवल सेवा की गुणवत्ता और पारदर्शिता बढ़ाएगा, बल्कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और मशीन लर्निंग के युग में विश्वविद्यालय के कार्यों को एक कॉपोर्रेट ढांचे की तरह विश्वस्तरीय बनाएगा।पत्रकार सम्मेलन में ये रहे उपस्थित इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर सहित डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. योगेश चाबा, तकनीकी सलाहकार एचआरएम प्रो. संदीप राणा, डीन ऑफ कॉलेजिज प्रो. संजीव कुमार, निदेशक आउटरीच प्रो. दलबीर सिंह, उपनिदेशक जनसंपर्क डा. बिजेन्द्र दहिया व कंसल्टेंट डा. विमल झा भी उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

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