Jammu & Kashmir

नायब तहसीलदार भर्ती परीक्षा में उर्दू को अनिवार्य बनाने के विरोध में एबीवीपी ने किया जोरदार प्रदर्शन

ABVP staged a strong protest against making Urdu compulsory in the Naib Tehsildar recruitment exam

कठुआ 11 जून (Udaipur Kiran) । हाल ही में अधिसूचित नायब तहसीलदार भर्ती परीक्षा में उर्दू को अनिवार्य विषय के रूप में शामिल करने के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कठुआ ने बुधवार को कठुआ के परशुराम चैक में जम्मू-कश्मीर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।

बुधवार को कठुआ में इस भेदभावपूर्ण और क्षेत्रीय पक्षपातपूर्ण कदम के खिलाफ बड़ी संख्या में कठुआ के एबीवीपी कार्यकर्ता एकत्र हुए। विरोध प्रदर्शन में जोशीले नारे और तख्तियां लेकर जम्मू के युवाओं के सार्वजनिक रोजगार तक निष्पक्ष और समान पहुंच के अधिकारों पर जोर दिया गया। युवाओं ने सभा को संबोधित करते हुए पूर्व उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना की जिसने जम्मू क्षेत्र के युवाओं को दरकिनार करने वाली नीति पेश की। उन्होंने कहा उर्दू को लागू करना जम्मू के योग्य उम्मीदवारों को बाहर करने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है। इस तरह के क्षेत्रीय भेदभाव को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम इसे तुरंत वापस लेने की मांग करते हैं। युवाओं ने कहा कि यह कदम भेदभावपूर्ण और अनुचित है और सार्वजनिक क्षेत्र के रोजगार में समानता, समावेशिता और क्षेत्रीय निष्पक्षता के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है।

एबीवीपी ने उपराज्यपाल के नेतृत्व वाले प्रशासन और जम्मू-कश्मीर सेवा चयन बोर्ड (जेकेएसएसबी) से इस नीति पर तुरंत पुनर्विचार करने का आग्रह किया। ताकि उर्दू को वैकल्पिक बनाया जाना चाहिए या उम्मीदवारों को उनके निवास और वरीयता के आधार पर क्षेत्रीय भाषाओं की सूची में से चुनने की अनुमति दी जानी चाहिए। एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने नागरिक समाज, कानूनी विशेषज्ञों और राजनीतिक नेताओं से इस अनुचित नीति के खिलाफ एकजुट होने और जम्मू-कश्मीर के युवाओं के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करने की भी अपील की।

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(Udaipur Kiran) / सचिन खजूरिया

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