नाहन, 15 मई (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में बस किराए में की गई 15% वृद्धि के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कड़ा विरोध दर्ज किया है। परिषद ने इसे गरीब तबके और छात्र समुदाय के साथ अन्यायपूर्ण कदम बताया है।
एबीवीपी के विभाग सह संयोजक अभी ठाकुर ने एक प्रेस बयान में कहा कि कांग्रेस सरकार का यह निर्णय गरीबों और विद्यार्थियों के हितों के विपरीत है। उन्होंने कहा, देश में युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं और ऐसे समय में सरकार द्वारा बस किराया बढ़ाना बेहद असंवेदनशील निर्णय है, जिससे सबसे अधिक प्रभावित प्रदेश के गरीब, मजदूर और छात्र हो रहे हैं।
अभी ठाकुर ने कहा कि हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य में अधिकांश लोग, विशेषकर छात्र-छात्राएं, मजदूर वर्ग और ग्रामीण निवासी, सार्वजनिक परिवहन पर निर्भर रहते हैं। छात्रों को स्कूल, कॉलेज, कोचिंग, पुस्तकालय और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए प्रतिदिन यात्रा करनी पड़ती है। किराये में वृद्धि से उनकी शिक्षा और आजीविका पर सीधा असर पड़ रहा है।
परिषद का कहना है कि जब सरकार ‘सर्व शिक्षा अभियान’ और ‘शिक्षा सबके लिए’ जैसे नारे देती है, तो इस प्रकार का निर्णय छात्रों को शिक्षा से वंचित करने जैसा है। एबीवीपी ने मांग की है कि सरकार तुरंत इस किराया वृद्धि को वापस ले और छात्रों के लिए कम से कम 50% की छूट प्रदान करे।
परिषद ने चेतावनी दी है कि यदि राज्य सरकार इस छात्र विरोधी निर्णय को वापस नहीं लेती, तो एबीवीपी पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन शुरू करेगी। परिषद ने सरकार से मांग की है कि वह इस निर्णय पर पुनर्विचार करे और जनता की समस्याओं को समझते हुए जनहित में कदम उठाए।
—————
(Udaipur Kiran) / जितेंद्र ठाकुर
