नई दिल्ली, 23 अगस्त (Udaipur Kiran) । अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) बीते 31 दिनों से जेएनयू इकाई छात्रों की मूलभूत समस्याओं से संबंधित अपनी 11 सूत्री मांगो को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठा है। एबीवीपी पिछले कई महीनों से जेएनयू प्रशासन से छात्रों की मूलभूत समस्याओं (पानी, जर्जर छात्रावासों और मरम्मत में देरी, पुस्तकालय की जर्जरता एवं अव्यवस्थाओं, साफ-सफाई की कमी, और अकादमिक एवं प्रशासनिक कामों में छात्रों के अत्यधिक लंबी एवं जटिल प्रक्रियाओं) के सम्बन्ध में मांग कर रहा था।
लंबे समय तक छात्रों की इस समस्याओं और एबीवीपी की मांगों को नजरअंदाज करने और मांग करने वाले छात्रों पर प्रशासनिक कार्यवाही जुर्माना एवं धमकी आदि देना प्रारंभ किया। एबीवीपी ने छात्र हितों के लिए 31 दिन पूर्व जेएनयू टी प्वाइंट पर समर भूमि के नाम से धरना प्रारंभ किया जहां छात्र दिन रात, धूप बरसात में भी प्रशासन के विरुद्ध धरने पर बैठे हैं। इसके अलावा अभाविप जेएनयू इकाई अध्यक्ष राजेश्वरकांत दुबे ने विगत 27 दिनों से छात्रहितों से संबंधित मांगे पूरी न होने तक नंगे पैर रहने का कठिन संकल्प लिया है।
इस विषय पर एबीवीपी जेएनयू इकाई की मंत्री शिखा स्वराज ने कहा, हॉस्टलों की छतें जर्जर हो रही है, हाल ही में मरमत में लापरवाही के चलते नई बने या मरमत वाली छतें एवं बाथरूम टूट रहे हैं। कई दिनों तक हॉस्टलों में छात्रों के लिए पीने का पानी नहीं रहता, केंद्रीय पुस्तकालय में सुविधाएं जर्जर हालत में है, पुस्तकालय में बाथरूम गंदे एवं टूटे हुए हैं, स्वास्थ्य केंद्र में भी समस्याओं की कमी नहीं है। हम अपनी मांगों को लेकर डिगने वाले नहीं है, जब तक प्रशासन और कुलपति हमारी एवं छात्रों की मूल भूत समस्याओं से संबंधित मांगों को नहीं मानती तब तक प्रशासन के विरुद्ध हमारा संघर्ष चलता रहेगा .
वहीं एबीवीपी जेएनयू अध्यक्ष राजेश्वरकांत दूबे ने कहा, हमारी कुलपति और निकम्मा विश्वविद्यालय प्रशासन आंखें मूंद कर सो रहा है, उन्हें छात्र की परेशानियों के प्रति कोई संवेदना नहीं है। इसपर भी प्रशासन द्वारा मीडिया में छात्रों को मुफ्तखोर जैसे गैरजिम्मेदार नाम दिए गए हैं, जोकि जेएनयू जैसे संस्थान के लिए बहुत ही शर्म का विषय है। और अपनी मांगों को रखने पर हमारे कार्यकर्ताओं को उनके विरुद्ध प्रशासनिक कार्यवाही करने की धमकी देकर एवं धरना स्थल स्मरभूमि पर इस भयंकर गर्मी में बिजली काट कर डराने और धरने को अनुचित रूप से बंद कराने का प्रयास किया जाता है। लेकिन प्रशासन को विद्यार्थी परिषद यह बताना चाहता है कि जब तक छात्रों के लिए हमारी यह मांगे पूरी नहीं होती है, प्रशासन के विरुद्ध हमारा यह धरना जारी रहेगा।
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(Udaipur Kiran) / कुमार अश्वनी / प्रभात मिश्रा
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