जम्मू, 25 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने भारतीय प्रबंधन संस्थान जम्मू (आईआईएम जम्मू) में छात्रों द्वारा आक्रामक तलाशी और शारीरिक संपर्क की रिपोर्ट पर कड़ी निंदा की है। छात्रों विशेष रूप से इंटीग्रेटेड प्रोग्राम इन मैनेजमेंट (आईपीएम) के छात्रों का आरोप है कि परीक्षाओं के दौरान हाल ही में की गई सुरक्षा जांच ने व्यक्तिगत सीमाओं का उल्लंघन किया जिससे असुविधा और मनोवैज्ञानिक संकट पैदा हुआ।
अभाविप ने कई छात्रों की रिपोर्ट को स्वीकार किया है। उनका कहना है कि तलाशी प्रक्रिया अत्यधिक आक्रामक थी। संवेदनशील क्षेत्रों में इस तरह से विस्तारित हुई कि वे इसे अपमानजनक और व्यक्तिगत गरिमा का उल्लंघन मानते हैं। एबीवीपी का दावा है कि ऐसी हरकतें सुरक्षा उपायों के लिए स्वीकार्य प्रोटोकॉल के बाहर हैं और संगठन अब जांच की मांग कर रहा है।
अभाविप की राज्य सचिव अक्षी बलोरिया ने कहा आईआईएम जम्मू में अनुचित तलाशी और शारीरिक संपर्क की हाल की घटनाएं बेहद चिंताजनक और अस्वीकार्य हैं। इस तरह की हरकतें न केवल छात्रों की व्यक्तिगत गरिमा का उल्लंघन करती हैं बल्कि एक शत्रुतापूर्ण शिक्षण वातावरण भी बनाती हैं। उन्होंने तत्काल सुधारात्मक उपायों की आवश्यकता पर जोर दिया जिसमें सम्मानजनक और उचित प्रक्रियाओं को सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा करना शामिल है।
अभाविप ने आग्रह किया है कि सुरक्षा कर्मियों को व्यावसायिकता बनाए रखने और छात्रों की असुविधा को कम करने के लिए गैर-आक्रामक तलाशी तकनीकों पर प्रशिक्षण दिया जाए। संगठन ने प्रभावित छात्रों की मानसिक भलाई को संबोधित करने के महत्व पर भी जोर दिया और यह सुनिश्चित करते हुए कि उन्हें सुना और समर्थन किया जाए।
अपने बयान में अभाविप ने इस बात पर प्रकाश डाला कि छात्रों की सुरक्षा और भलाई को शैक्षणिक संस्थानों द्वारा प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उनका मानना है कि इन परिवर्तनों को लागू करके आईआईएम जम्मू सभी छात्रों के लिए विश्वास का पुनर्निर्माण कर सकता है और एक सुरक्षित, सहायक शिक्षण वातावरण को बढ़ावा दे सकता है।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा