
नारायणपुर, 20 मई (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले का अबूझमाड़ कभी घने जंगलों, ऊंचे पहाड़ों, दुर्गम सड़कों के चलते नक्सलियाें का सबसे सुरक्षित पनाहगह के लिए जाना जाता था। लेकिन अब यहां के दूरदराज के ग्रामाें तक पहुंचने के लिए सड़काें का निर्माण हाेने लगा है। अबूझमांड़ से एक राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया जा रहा है जो कि अगले साल तक पड़ाेसी राज्य महाराष्ट्र से जुड़ जायेगा।
नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) प्रभात कुमार ने मंगलवार को बताया कि अबूझमांड़ से एक राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया जा रहा है। यह राष्ट्रीय राजमार्ग अगले साल तक पड़ाेसी राज्य महाराष्ट्र से जुड़ जायेगा। उल्लेखनीय है कि अबूझमाड़ से पड़ाेसी राज्य महाराष्ट्र तक जारी राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण के इस मार्ग पर बकायदा नेलांगुर, भाम्रागढ़, गढ़चिरौली से लेकर मुंबई तक की दूरी का उल्लेख करते हुए दिशा सूचक बाेर्ड लगाया गया है। वहीं अबूझमाड़ से नारायणपुर आसपास के ग्रामाें की दूरी के साथ ही जिला मुख्यालय एवं छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंच तक की दूरी का दिशा सूचक बाेर्ड लगाए गए हैं।
एसपी ने बताया कि लगभग एक महीने पहले इस इलाके के नेलांगुर में सुरक्षा कैंप की स्थापना की गई थी। वहीं पिछले आठ महीनों में हमने इस इलाके में डब्ल्यूबीएम की बारहमासी सड़कें बनाई हैं, जिससे इसका दायरा 20 किलोमीटर से बढ़कर 65 किलोमीटर हो गया है। इन सड़कों की वजह से पांच नई पंचायतों तक पहुंच बढ़ी है। इन सड़कों के ज़रिए कुछ दुर्गम स्थानों तक भी पहुंचा जा सकता है। उन्हाेंने बताया कि एक अवधारणा थी कि अबूझमाड़ नक्सलियों के लिए सबसे सुरक्षित पनाहगाह है, लेकिन अब यह धारणा बदल गई है। प्रशासन की नक्सल प्रभावित इलाकों तक पहुंच हाेने के साथ ही नक्सली संगठन के बड़े कैडराें के नक्सलियों ने भी आत्मसमर्पण कर दिया है। वे सरकार की विकास योजनाओं को देख रहे हैं और मुख्यधारा में लौट रहे हैं।
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(Udaipur Kiran) / राकेश पांडे
