Gujarat

गुजरात में पिछले 3 वर्षों में लगभग 225 टाउन प्लानिंग स्कीमें मंजूर, शहरीकरण को मिली रफ्तार

शहरी आवास ने शहरी जीवन शैली में बदलाव लाए।
हाईराइज बिल्डिंगों को फैला जाल
गुजरात में पहली वंदे भारत ट्रेन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिखाई थी हरी झंडी।

अहमदाबाद, 23 मई (Udaipur Kiran) । गुजरात के शहरों को आधुनिक समय के अनुरूप बनाने तथा उनका सुनियोजित विकास करने के लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक नीतियाँ एवं योजनाएँ क्रियान्वित की गई हैं। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात शहरीकरण की दिशा में लंबी छलांग लगा रहा है। वर्ल्ड क्लास सिटी डेवलपमेंट को गति देने के लिए राज्य सरकार द्वारा ‘गुजरात बजट 2025-26’ में 2025 को ‘शहरी विकास वर्ष’ के रूप में मनाने की घोषणा की गई है।

गुजरात सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार राज्य में पिछले 3 वर्षों की अवधि में लगभग 225 टाउन प्लानिंग स्कीमों को मंजूरी दी गई है, जो राज्य में शहरीकरण की प्रक्रिया को गति देती है। केन्द्र सरकार द्वारा शुरू किए गए स्मार्ट सिटी मिशन अंतर्गत गुजरात के छह शहरों अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, राजकोट, गांधीनगर तथा दाहोद का चयन किया गया था। इन छह शहरों में 11,451 करोड़ रुपए से अधिक के 354 प्रोजेक्ट्स शुरू किए गए हैं, जिनमें से 11,056 करोड़ रुपए के 348 प्रोजेक्ट पूरे हुए हैं, जबकि 395 करोड़ रुपए के 6 प्रोजेक्ट्स पूरे होने की तैयारी में हैं। राज्य की महानगर पालिकाओं एवं नगर पालिकाओं द्वारा 28,618 किलोमीटर लंबाई के रोड-मार्ग का रखरखाव किया जाता है। फरवरी 2024 में 979 करोड़ रुपए की लागत से द्वारका एवं बेट द्वारका को जोड़ने वाले अत्याधुनिक सिग्नेचर ब्रिज सुदर्शन सेतु का लोकार्पण किया गया।

इसके साथ ही गुजरात में जामनगर-बठिंडा हाईवे, वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेस वे, पोरबंदर-द्वारका नेशनल हाईवे आदि का निर्माण भी किया जा रहा है, जो राज्य के रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर को अधिक मजबूत बनाएंगे। इसके अतिरिक्त; इस वर्ष के बजट में नमोशक्ति तथा सोमनाथ-द्वारका एक्सप्रेस वे; इन दो ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे के निर्माण की घोषणा की गई है। अनुमानित 36,120 करोड़ रुपए के खर्च से नमोशक्ति एक्सप्रेस वे का डीसा से पीपावाव तक निर्माण किया जाएगा, जिसकी लंबाई 430 किलोमीटर होगी। दूसरी ओर सोमनाथ-द्वारका एक्सप्रेस वे कुल 680 किलोमीटर का होगा, जो लगभग 57,120 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा। इससे अहमदाबाद, राजकोट तथा द्वारका के आसपास के क्षेत्रों के लिए कनेक्टिविटी सुलभ बनेगी।

उल्लेखनीय है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2005 को शहरी विकास वर्ष घोषित किया था और उस वर्ष के दौरान शहरी क्षेत्रों में ढाँचागत सुविधाओं के विकास पर ध्यान केन्द्रित किया गया था। गुजरात की इस शहरी विकास यात्रा को 20 वर्ष पूरे हुए हैं और इन 20 वर्षों के दौरान गुजरात उल्लेखनीय शहरीकरण का साक्षी बना है।

—————

(Udaipur Kiran) / बिनोद पाण्डेय

Most Popular

To Top