
-डीएनए जांच के लिए भ्रूण सुरक्षित रखा जाएगा
सूरत, 15 मई (Udaipur Kiran) । सूरत की 23 वर्षीय अविवाहित शिक्षिका का 13 वर्षीय विद्यार्थी के अपहरण और यौन शोषण के आरोप मामले में कोर्ट की मंजूरी के बाद गुरुवार को सूरत के स्मीमेर हॉस्पिटल में आरोपित शिक्षिका का एबॉर्शन कराया गया। शिक्षिका के वकील ने कोर्ट से एबॉर्शन की मंजूरी मांगी थी। कोर्ट ने मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर इसकी मंजूरी दी जिसके बाद गुरुवार को सूरत के स्मीमेर हॉस्पिटल में एबॉर्शन कराया गया। शिक्षिका के पेट में रहा गर्भ 13 वर्षीय विद्यार्थी का था या न हीं इसका पता लगाने के लिए डीएनए टेस्ट कराया जाएगा। इसकी रिपोर्ट करीब 2 महीने में आने की उम्मीद है।
सूरत के पुणा क्षेत्र में नाबालिग छात्र के साथ 25 अप्रैल को फरार हुई 23 वर्षीय शिक्षिका घटना के 5वें दिन राजस्थान के बॉर्डर से पकड़ी गई थी। शिक्षिका का जब प्रेग्नेंसी टेस्ट कराया गया तो उसके 20 सप्ताह (5 महीने) के गर्भ का पता चला था। शहर में चर्चा का विषय बनी इस घटना ने सभी को अचंभित कर दिया था। शिक्षिका ने गर्भ अपने विद्यार्थी का होने का आरोप लगाया था। इसके बाद शिक्षिका ने अपने एडवोकेट वाजीद शेख के जरिए एबॉर्शन के लिए कोर्ट से अनुमति मांगी थी।
गुरुवार को सूरत के स्मीमेर हॉस्पिटल में शिक्षिका को भर्ती कराने के बाद एबॉर्शन की प्रक्रिया शुरू की गई। शिक्षिका की हालत सामान्य बताई गई है। हॉस्पिटल सूत्रों के अनुसार शिक्षिका को दो दिनों के अंदर छुट्टी दे दी जाएगी। एबॉर्शन के बाद भ्रूण को केमिकल के जरिए सुरक्षित रखा जाएगा। इसका डीएनए सैम्पल भी लिया गया है। यह डीएनए 13 वर्ष के विद्यार्थी के डीएनए के साथ मैच कराया जाएगा। डीएनए रिपोर्ट 2 महीने में आने की उम्मीद जतायी गई है।
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(Udaipur Kiran) / बिनोद पाण्डेय
