Assam

द्वारकुची में एबीएमएसयू का विरोध प्रदर्शन, वक्फ संशोधन विधेयक की प्रति जलाई गई

कामरूप, 04 अप्रैल (Udaipur Kiran) । कामरूप (ग्रामीण) जिलांतर्गत रंगिया के पास द्वारकुची में आज अखिल असम बोडो अल्पसंख्यक छात्र यूनियन (एबीएमएसयू) ने स्थानीय लोगों के सहयोग से विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ किया गया, जिसे लेकर एबीएमएसयूू के सदस्यों ने कड़ा विरोध जताया। प्रदर्शन के दौरान भारत-भूटान अंतरराष्ट्रीय राजमार्ग पर इस विधेयक की प्रतिलिपि जलाई गई और सरकार के खिलाफ धरना भी आयोजित किया गया।

एबीएमएसयू का आरोप है कि यह कानून भारतीय संविधान द्वारा मुस्लिम समुदाय को दिए गए मौलिक अधिकारों को कमजोर करने का एक प्रयास है। उनका दावा है कि इस विधेयक के जरिए मुस्लिम समुदाय पर अनावश्यक कानूनी दबाव डाला जा रहा है, जिसे वे किसी भी परिस्थिति में स्वीकार नहीं करेंगे।

प्रदर्शन स्थल के रूप में रंगिया के पास द्वारकुची क्षेत्र को चुना गया, जहां प्रदर्शनकारियों के सैकड़ों सदस्य और समर्थक एकत्र हुए। प्रदर्शनकारियों ने भारत-भूटान अंतरराष्ट्रीय राजमार्ग पर विरोध जताकर अपने गुस्से और असंतोष को व्यक्त करने की कोशिश की। उन्होंने विधेयक की प्रतिलिपि जलाने के साथ सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की।

एबीएमएसयू का मुख्य आरोप है कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के धार्मिक और सामाजिक अधिकारों को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करेगा, खासकर वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और सुरक्षा के मामले में। संगठन के नेताओं ने स्पष्ट किया कि यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार), अनुच्छेद 25 (धार्मिक स्वतंत्रता), अनुच्छेद 26 (धार्मिक संस्थानों को संचालित करने का अधिकार) और अनुच्छेद 29 (अल्पसंख्यकों के सांस्कृतिक अधिकार) के खिलाफ है।

उनका तर्क है कि इस विधेयक के माध्यम से सरकार वक्फ संपत्तियों पर नियंत्रण स्थापित कर मुस्लिम समुदाय की स्वायत्तता को खत्म करना चाहती है। नेताओं ने अपने भाषणों में कहा कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के खिलाफ केवल एक कानूनी हमला नहीं है, बल्कि भारत के धर्मनिरपेक्ष चरित्र और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए भी एक खतरा है।

धरना के दौरान, एबीएमएसयू के सदस्यों ने स्थानीय लोगों को भी इस मुद्दे पर जागरूक करने और उनके समर्थन की अपील करने का प्रयास किया।

उनका का मानना है कि इस कानून के जरिए वक्फ बोर्ड की शक्तियों को कम करके जिला प्रशासन को अधिक अधिकार दिए जाएंगे, जिससे संपत्तियों के दुरुपयोग और हस्तक्षेप की संभावना बढ़ जाएगी।

प्रदर्शन के दौरान संगठन ने सरकार को स्पष्ट संदेश देने की कोशिश की कि वे इस कानून को किसी भी हाल में स्वीकार नहीं करेंगे। यदि सरकार इस विधेयक को वापस नहीं लेती है, तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे।

प्रदर्शन के अंत में, एबीएमएसयू के नेताओं ने स्थानीय प्रशासन के माध्यम से केंद्र सरकार को एक ज्ञापन भेजने की घोषणा की, जिसमें उनकी मांगों और आपत्तियों का विस्तार से उल्लेख किया गया है।

(Udaipur Kiran) / देबजानी पतिकर

Most Popular

To Top