कोलकाता, 19 मई (Udaipur Kiran) । शिक्षक नियुक्ति में धांधली के विरोध में विकास भवन के सामने लगातार 13 दिनों से आंदोलन कर रहे बर्खास्त ‘योग्य’ शिक्षकों को तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी ने शांति बनाए रखने की अपील की है। अभिषेक ने सोमवार को कहा, हर किसी को विरोध और आंदोलन करने का अधिकार है, लेकिन अगर आंदोलन हिंसक होता है तो इसका असली सार खत्म हो जाता है।
आंदोलनकारियों पर हिंसा और जबरन सरकारी दफ्तरों में घुसने के आरोप लगे हैं। हालांकि उन्होंने इन आरोपों को खारिज किया है और पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। अभिषेक ने कहा, मैंने कई वीडियो देखे हैं जिनमें आंदोलनकारियों को गेट तोड़ने की कोशिश करते हुए देखा गया। आंदोलन को गांधीजी की तरह अहिंसक रहना चाहिए। हम भी दिल्ली में 100 दिनों के बकाया पैसे की मांग को लेकर आंदोलन किए, लेकिन किसी पर हाथ नहीं उठाया।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है और आंदोलनकारियों को न्यायपालिका पर भरोसा रखना चाहिए। आज नहीं तो कल न्याय जरूर मिलेगा, ऐसा विश्वास जताते हुए अभिषेक ने कहा कि जो आंदोलन ज़बरदस्ती और हिंसा के रास्ते पर जाता है, उसका उद्देश्य खो जाता है।
गौरतलब है कि वर्ष 2016 में शिक्षकों की नियुक्ति में अनियमितताओं के चलते सर्वोच्च न्यायालय ने पूरे पैनल को रद्द कर दिया था। इस फैसले से लगभग 26 हजार शिक्षक और गैर-शिक्षक प्रभावित हुए। न्यायालय के निर्देश के अनुसार शिक्षक 31 दिसंबर तक स्कूल जा सकते हैं और उन्हें वेतन भी मिलेगा, लेकिन गैर-शिक्षक कर्मचारी पूरी तरह नौकरी से बाहर हो गए हैं।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
