
आचार्य विष्णुकान्त शास्त्री स्मृति व्याख्यानमाला का 20वां आयोजन
कोलकाता, 08 जून (Udaipur Kiran) । चुनौतियां हमारी परीक्षा लेने के लिए सामने खड़ी हैं। मात्र सता परिवर्तन से देश का भला नहीं हो सकता। व्यक्ति परिवर्तन से ही समाज परिवर्तन संभव है। अत: वर्तमान परिप्रेक्ष्य में स्वत्व का जागरण, पर्यावरण, सामाजिक समरसता, कुटुम्ब प्रबोधन एवं नागरिक कर्तव्य प्रभृति ऐसे पंच परिवर्तन हैं जिन्हें हम अपने जीवन में चरितार्थ कर समाज और राष्ट्र को उन्नत बना सकते है।’ उपरोक्त बातें दीनदयाल शोध संस्थान के राष्ट्रीय संगठन सचिव अभय महाजन (चित्रकूट) ने रविवार को श्री बड़ाबाजार कुमारसभा पुस्तकालय द्वारा स्थानीय भारतीय भाषा परिषद सभागार में आयोजित आचार्य विष्णुकान्त शास्त्री स्मृति व्याख्यानमाला के बीसवें आयोजन को संबोधित करते हुए कही।
बदलते राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में पंच परिवर्तन की प्रासंगिकता’ विषय पर बोलते हुए महाजन ने कहा कि स्व’ जागरण से अपने पुरुषार्थ को जाग्रत करना चाहिए, स्वदेशी’ से जीवन में आत्मगौरव का आभास होगा, सामाजिक समरसता’ प्रायोजित कार्यक्रमों से नहीं बल्कि सहभागिता से आयेगी। उन्होंने आगे कहा कि पर्यावरण’ की अनुकूलता से हमारे जीवन में शांति आयेगी और अधिकार नहीं कर्तव्य’ के पालन से समाज विकसित होगा। अत: इन पंच परिवर्तनों को जीवन में अपनाने से ही न केवल राष्ट्र समृद्ध होगा बल्कि विश्वगुरु का सम्मान पुन: प्राप्त कर सकेगा।
समारोह के अध्यक्ष सुप्रसिद्ध समाजसेवी एवं उद्योगपति शिशिर बाजोरिया ने कहा कि स्वदेशी ने एक बार फिर अपना पराक्रम दिखलाया जब ऑपरेशन सिंदूर के क्रम में भारतीय सेना ने मेक इन इंडिया के तहत बने आयुधों से आतंक की नाभि को निशाना बनाया। स्वाधीनता की शताब्दी से पूर्व भारत के एक विकसित राष्ट्र बन जाने का हमारा संकल्प अवश्य पूर्ण होगा।
मुख्य अतिथि वरिष्ठ आयकर सलाहकार सज्जन कुमार तुलस्यान ने भारत के बदलते स्वरूप की ओर संकेत करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि भारत को एक आर्थिक महाशक्ति तो बनना ही है। एक दशक पहले हम दुनिया की ग्यारवीं आर्थिक शक्ति थे और आज तीसरी आर्थिक शक्ति बनने जा रहे हैं। हम सभी को सामाजिक, सांस्कृतिक, नैतिक और आर्थिक दृष्टि से संकल्पबद्ध होकर कार्य करना होगा।
कार्यक्रम के आरंभ में आचार्य विष्णुकांत शास्त्री द्वारा रचित गीत की सांगीतिक प्रस्तुति सुप्रसिद्ध गायक ओम प्रकाश मिश्र ने दी। स्वागत भाषण पुस्तकालय की साहित्य मंत्री डॉ. तारा दूगड़ ने तथा धन्यवाद ज्ञापन पुस्तकालय के मंत्री बंशीधर शर्मा ने किया जबकि कार्यक्रम का संचालन कुमारसभा के अध्यक्ष महावीर बजाज ने किया। अरुण प्रकाश मल्लावत, नन्दकुमार लढ़ा और मोहनलाल पारीक ने अतिथियों को अंग वस्त्र पहना कर स्वागत किया।
समारोह में महावीर प्रसाद रावत, रामावतार बीजराजका, अभिषेक चमरिया, डॉ. भुवनेश्वर शर्मा, ललित तोदी, कमल बेरीवाल, भोला सोनकर सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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(Udaipur Kiran) / संतोष मधुप
