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— दिव्यता के महासंगम के साक्षी बने डेढ़ करोड़ श्रद्धालु
मीरजापुर, 12 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । महाकुम्भ के पावन अवसर पर मां विंध्यवासिनी धाम श्रद्धा, आस्था और दिव्यता के महासंगम का साक्षी बना। सवा करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने मां के चरणों में नतमस्तक होकर अपनी मनोकामनाएँ अर्पित कीं। भक्ति के इस महासमुद्र ने विंध्य पर्वत की गोद में बसे इस दिव्य धाम को ऊर्जा और आध्यात्मिक तेज से भर दिया। जयकारों की गूँज, शंखध्वनि और घंटे-घड़ियालों की मधुर अनुगूंज से ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो स्वयं देवी मां अपने भक्तों के बीच उपस्थित होकर आशीर्वाद बरसा रही हों।
जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने जानकारी दी कि महाकुंभ मेले के दौरान लगभग 12 से 15 करोड़ श्रद्धालु मीरजापुर होकर गुजरे, जिनमें से करीब सवा करोड़ भक्तों ने मां विंध्यवासिनी के दरबार में हाजिरी लगाई। भक्तों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन ने 28 फरवरी तक सुरक्षा और दर्शन व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के निर्देश जारी किए हैं। सुबह की पहली किरण के साथ ही मंदिर के घंटे-घड़ियालों की अनुगूंज और शंखध्वनि ने भक्तों के हृदय को भक्ति से भर दिया। मां विंध्यवासिनी की भव्य आरती के दौरान पूरा मंदिर प्रांगण हजारों दीपों की रोशनी से स्वर्णिम आभा में नहा उठा। भक्तगण मां के चरणों में शीश नवाकर अपने कंठ से प्रेम और श्रद्धा का अमृत बरसा रहे थे।
सनातन संस्कृति की अटूट आस्था
मां विंध्यवासिनी धाम में उमड़ा यह आस्था का महासागर केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि सनातन संस्कृति की अखंडता और इसकी गहरी जड़ों का प्रमाण है। यह स्पष्ट करता है कि युग बदले, पीढ़ियां बदलीं, पर मां विंध्यवासिनी की महिमा और उनके भक्तों की श्रद्धा कभी कम नहीं होगी।
प्रशासन मुस्तैद, व्यवस्था पर कड़ी निगरानी
मां विंध्यवासिनी के धाम में उमड़ी अभूतपूर्व भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा और दर्शन प्रक्रिया को सुदृढ़ करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। डीएम प्रियंका निरंजन सहित अन्य आला अधिकारियों ने सुरक्षा व्यवस्था और दर्शन प्रक्रिया का निरीक्षण किया। जोनल और सेक्टर मजिस्ट्रेटों को लगातार चक्रमण के निर्देश दिए गए, ताकि किसी भी श्रद्धालु को असुविधा का सामना न करना पड़े।
(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा
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