Jammu & Kashmir

जम्मू में जेकेएएसीएल कार्यक्रम में आश आगुर पुस्तक विमोचन

जम्मू में जेकेएएसीएल कार्यक्रम में आश आगुर पुस्तक विमोचन

जम्मू, 22 अप्रैल (Udaipur Kiran) । जम्मू और कश्मीर कला, संस्कृति और भाषा अकादमी (जेकेएएसीएल) ने प्रतिष्ठित लेखिका दुलारी पंडिता दुर्गा की नई पुस्तक आश आगुर के विमोचन के अवसर पर के.एल. सहगल हॉल में एक प्रतिष्ठित साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन किया।

इस कार्यक्रम में क्षेत्र की साहित्यिक और सांस्कृतिक परंपराओं की समृद्धि का जश्न मनाने के लिए कई प्रतिष्ठित साहित्यिक हस्तियां, कवि और सांस्कृतिक संरक्षक एक साथ आए।

कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य अतिथि के रूप में करते हुए प्रसिद्ध विद्वान और लेखक प्रो. पी.एन. त्रिसाल ने सांस्कृतिक पहचान और परंपरा को संरक्षित करने में साहित्य की स्थायी शक्ति पर बात की। एएससीओएमएस अस्पताल के निदेशक/प्रधानाचार्य डॉ. पवन मल्होत्रा ​​ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया और एकता और सामुदायिक भावना को बढ़ावा देने में साहित्य की भूमिका पर जोर दिया।

कार्यक्रम का संचालनपी.के. रैना ने किया जिनके आकर्षक संचालन ने कार्यक्रम की कार्यवाही को बेहतरीन तरीके से निर्देशित किया। जेकेएएसीएल में गोजरी के मुख्य संपादक डॉ. जावेद राही ने स्वागत भाषण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की जिसमें उन्होंने लेखक के साहित्यिक योगदान की सराहना की और सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा देने के लिए अकादमी की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। पुस्तक में शामिल भजनों को गाते हुए राजेश खेर द्वारा एक भावपूर्ण संगीतमय प्रस्तुति ने सभा में एक भक्ति और भावनात्मक प्रतिध्वनि जोड़ी।

विद्वान माखन लाल पंडिता और प्रेम नाथ पंडिता प्रेम ने आश आगुर पर अंतर्दृष्टिपूर्ण शोधपत्र प्रस्तुत किए जिसमें पुस्तक की विषयगत गहराई और कथात्मक बारीकियों पर प्रकाश डाला गया। नागराई साहित्यिक मंच के अध्यक्ष कुंदन पारस और सम्प्रति के अध्यक्ष आर.एल. जौहर ने इस कृति की साहित्यिक और सांस्कृतिक प्रासंगिकता की सराहना की। सराहना के प्रतीक के रूप में क्षेत्र के साहित्यिक और सांस्कृतिक परिदृश्य में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए सभी प्रतिष्ठित अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए।

(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा

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