मंडी, 14 अप्रैल (Udaipur Kiran) । अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया आपी की अध्यक्ष रही मंडी की बेटी डा. चंद्रमुखी कपूर कपासी का जन्मदिन आपी क्लिनिक चेरिटेबल ट्रस्ट की ओर से मनाया गया। इस अवसर पर सरदार पटेल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. ललित अवस्थी बतौर मुख्यअतिथि मौजूद रहे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि मंडी वासियों के लिए यह गर्व का विषय है कि डा. चंद्रमुखी का जन्म मंडी शहर में हुआ । कई वर्ष पूर्व अमेरिका में बस जाने के बाद भी वे अपनी जड़ों से जुड़ी हुई है और अपनी संस्था के माध्यम से मंडी वासियों को अपनी सेवाएं प्रदान कर रही है।
उन्होंने कहा कि वे सही मायने में युवाओं, महिलाओं और बेटियों के लिए प्रेरणा की स्रोत हैं, जो अपने जीवन में आगे बढ़ना चाहती हैं, वे डा. चंद्रमुखी के जीवन से प्रेरणा ले सकती हैं। इस अवसर पर डा. हरबंस ने कहा कि डा. चंद्रमुखी अपने आपमें देशभक्ति का सशक्त उदाहरण हैं। अमेरिका की नागरिकता हासिल करने के बावजूद भी उन्हें अपनी मातृभूमि से अगाध प्रेम है।
डा. चंद्रमुखी की बचपन की सहेली समाजसेवी कृष्णा टंडन ने कहा कि उन्हें गर्व है कि उनकी बचपन की सखी आज भी उन्हें याद करती है और जब भी वह मंडी शहर में आती है, तो उनसे मिलने उनके घर चली आती है। कार्यक्रम के संयोजक वाईपी कपूर ने बताया कि आपी के शुरूआती दिनों में संगठन पुरूष प्रधान था, लेकिन डा. कपासी 1993 में आपी बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की पहली महिला अध्यक्ष बनकर कांच की छत को भेदने में सक्षम पहली भारतीय अमेरिकी महिला थी, जब उन्हें गवर्नर विलियम वेल्ड द्वारा चुना गया। इसके बाद उन्हें महिला स्वास्थ्य आ्रैर फिटनेस समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
उन्होंने बताया कि डा. चंद्रमुखी ने राजकीय कन्या पाठशाला मंडी और वल्लभ कालेज मंडी से शिक्षा प्राप्त की। इसके पश्चात वे लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज दिल्ली से एमबीबीएस और उसी संस्थान से एमडी की। उन्होंने निवारक और सामाजिक चिकित्सा में हार्वर्ड विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। उन्हें हाल ही में हार्वर्ड विवि द्वारा विशिष्ट सेवा पुरस्कार और एलएचएमसी ,पूर्व छात्र संघ लेडी हार्डिंग कालेज नई दिल्ली द्वारा आजीवन उपलब्धि पुरस्कार से सम्मानितक किया गया। इस अवसर पर मंडी शहर के विशिष्ट नागरिकों में ओपी कपूर, डा. नरेश वैद्य, रवि कपूर, डा. प्रिया, पीसी बिष्ट, कृष्णा टंडन, ओपी मल्होत्रा, रोटरी क्लब के सदस्य आदि मौजूद रहे।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा
