Gujarat

‘आआपा’ नेताओं ने दाहोद की मृतक बेटी के परिजनों से मिले

दाहोद में कैंडल मार्च में शामिल आआपा नेता और पदाधिकारी।
दाहोद में बिरसा मुंडा की प्रतिमा के समीप कैंडल प्रज्जवलित करते आआपा नेता इसुदान गढवी।

– कैंडल मार्च निकाला और श्रद्धांजलि दी

दाहोद, 27 सितंबर (Udaipur Kiran) । दाहोद के एक सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल ने 19 सितम्बर को 6 साल की मासूम बच्ची से रेप की कोशिश की और फिर उसकी हत्या कर दी थी। इस दिल दहला देने वाली घटना को लेकर शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के गुजरात प्रदेश अध्यक्ष इसुदान गढ़वी, गुजरात प्रदेश संगठन महासचिव मनोज सोरठिया, गुजरात दाहोद दक्षिण क्षेत्र संगठन मंत्री नरेश बारिया और बड़ी संख्या में गुजरात प्रदेश संगठन के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने मृतक बेटी के परिवार से मिलकर उन्हें सांत्वना दी।

आम आदमी पार्टी की ओर से शुक्रवार शाम को दाहोद नगरपालिका चौक से कैंडल मार्च निकाली गई। इस कैंडल मार्च में आम आदमी पार्टी के गुजरात प्रदेश अध्यक्ष इसुदान गढ़वी, राष्ट्रीय संयुक्त सचिव और महाराष्ट्र क्षेत्र के सह-प्रभारी गोपाल इटालिया, गुजरात क्षेत्रीय संगठन महासचिव मनोज सोरठिया, डेडियापाड़ा विधायक चैतर वसावा, गुजरात दाहोद दक्षिण क्षेत्र के संगठन मंत्री नरेश बारिया और अन्य क्षेत्रीय और स्थानीय पदाधिकारी और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए और भगवान बिरसामुंडा चौक पर लड़की को श्रद्धांजलि दी और मृत बेटी की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करके कैंडल मार्च का समापन किया।

इस दौरान आम आदमी पार्टी के गुजरात प्रदेश अध्यक्ष इसुदान गढ़वी ने मीडिया के सामने अपनी बात रखते हुए कहा कि, कोलकाता में डॉक्टर बच्ची के साथ जो रेप की घटना हुई थी, उससे भी ज्यादा घिनौनी और दर्दनाक घटना गुजरात के दाहोद में हुई है। यहां दाहोद में पहली कक्षा में पढ़ रही 6 साल की बच्ची के साथ उसकी स्कूल के प्रिंसिपल के द्वारा न सिर्फ बलात्कार की कोशिश की, बल्कि उस बच्ची की हत्या भी कर दी गई। आज हमने पीड़ित परिवार से मुलाकात की है। यह परिवार अभी भी न्याय का इंतजार कर रहा है, परिवार की मांग है कि इस घटना के आरोपी को तुरंत फांसी दी जाए, यह जो इलाका है यहां पर बस की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है तो यहां पर जल्द से जल्द बस की सुविधा शुरू कराई जाए और यहां की सभी स्कूलों में सीसीटीवी कैमरा भी नहीं है, तो जल्द से जल्द स्कूलों में सीसीटीवी की व्यवस्था की जाए। हमारी यह भी मांग है कि इस पीड़ित परिवार को 50 लाख का मुआवजा दिया जाए, हालांकि हम जानते हैं कि इस पैसे से बिटिया वापस नहीं आएगी। उन्होंने फास्ट्रेक कोर्ट में इस केस को चलाने की मांग की।

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(Udaipur Kiran) / बिनोद पाण्डेय

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