जम्मू, 4 नवंबर (Udaipur Kiran) । आम आदमी पार्टी के नेता और सामाजिक कार्यकर्ता गुरमीत सिंह बागी ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से आधिकारिक भाषाओं पर पिछले फैसले को वापस लेने और पंजाबी को केंद्र शासित प्रदेश की आधिकारिक भाषा के रूप में शामिल करने की अपील की है। बागी ने इस बात पर जोर दिया कि पंजाबी जो जम्मू-कश्मीर में व्यापक रूप से बोली जाने वाली और ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण भाषा है, कश्मीरी, डोगरी, हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी के साथ मान्यता की हकदार है।
पंजाबी की सांस्कृतिक जड़ों और सिख और पंजाबी भाषी समुदायों के लिए इसके महत्व पर प्रकाश डालते हुए, बागी ने कहा कि 2020 के जम्मू और कश्मीर आधिकारिक भाषा विधेयक से इसे बाहर रखने से असंतोष पैदा हुआ है, खासकर अल्पसंख्यकों में। उन्होंने सरकार से इस मांग को संबोधित करने और चुनाव से पहले किए गए वादों को पूरा करने का आग्रह किया।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा