Uttar Pradesh

एएसीडीडी एप्लिकेशन बढ़ाएगा बच्चों के पढ़ने लिखने की क्षमता : प्रो. ब्रज भूषण

जानकारी साझा करते प्रो ब्रज भूषण

कानपुर, 25 मार्च (Udaipur Kiran) । कक्षा एक से पांच तक के डिस्लेक्सिया और डिस्ग्राफिया से पीड़ित स्कूली बच्चों के लिए एक प्रशिक्षण मॉड्यूल है। एएसीडीडी एप्लिकेशन हिंदी अक्षरों के अधिग्रहण और पुनरुत्पादन में सहायता के लिए दृश्य, श्रवण और स्पर्श सम्बंधी प्रतिपुष्टि को एकीकृत करता है। टचस्क्रीन-आधारित सहायक उपकरण के रूप में विकसित यह श्रवण फीडबैक के माध्यम से पढ़ने में सक्षम बनाता है और हिंदी शब्द पैटर्न सीखने में सहायता करता है। तीन स्तरों – ट्रेसिंग, जिगसॉ पज़ल और शब्द लेखन के साथ यह हिंदी बोलने वाले बच्चों में पढ़ने और लिखने के कौशल को बढ़ाने में मदद करता है। यह जानकारी मंगलवार को आईआईटी कानपुर के प्रो. ब्रज भूषण ने दी।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी कानपुर) के सहयोग से छोटे बच्चों में पाई जाने वाली डिस्लेक्सिया और डिस्ग्राफिया जैसी गम्भीर संज्ञानात्मक चुनौतियों से निपटने के लिए वाराणसी के वल्लभ विद्यापीठ बालिका इंटर कॉलेज में संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया। जिसमें क्यूट ब्रेन्स प्राइवेट लिमिटेड ने आईवीवाई कैप सिक्योरिटीज और फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड रिसर्च इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने इस कार्यक्रम का नेतृत्व किया।

संज्ञानात्मक विज्ञान के विशेषज्ञ और क्यूट ब्रेन्स के सह-संस्थापक व आईआईटी कानपुर के प्रो. ब्रज भूषण ने डिस्लेक्सिया और डिस्ग्राफिया के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि इससे ग्रसित बच्चों के लिए सहायक एप्लिकेशन (एएसीडीडी) के उपयोग के लाभों का प्रदर्शन किया। जो एक अभिनव डिजिटल उपकरण है। जिसे प्री-प्राइमरी स्कूल के बच्चों को उनकी सीखने की यात्रा में सहायता करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

कार्यशाला में शिक्षकों, अभिभावकों और प्रमुख हितधारकों ने भाग लिया। जो इस समस्या से शीघ्र निदान और हस्तक्षेप के महत्व को समझने के लिए उत्सुक थे। वल्लभ विद्यापीठ बालिका इंटर कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. मुक्ता पांडेय ने प्रतिभागियों का स्वागत किया।

(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप

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