West Bengal

बंगाल में रेल दुर्घटना करवाने की साजिश, पटरी पर बाइक छोड़ने वाला युवक गिरफ्तार

arrest

कोलकाता, 03 अप्रैल (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने एक 23 वर्षीय युवक को गिरफ्तार किया है, जिसने अपनी मोटरसाइकिल को रेलवे क्रॉसिंग की पटरी पर छोड़ दिया था। यह घटना सोनारपुर और चंपाहाटी स्टेशन के बीच 27 मार्च को घटी, जब एक ट्रेन बाइक से टकरा गई, जिससे रेल यातायात बाधित हो गया।

रेलवे अधिकारियों ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि यह एक बड़ी दुर्घटना को जन्म दे सकता था। पूर्वी रेलवे (ईआर) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि यह घटना पटरी से उतरने (डिरेलमेंट) का कारण बन सकती थी। मोटरसाइकिल में पेट्रोल था, जिससे आग लगने की संभावना भी थी। ऐसे में यात्रियों को गंभीर नुकसान हो सकता था। हमने आरोपित के खिलाफ रेलवे अधिनियम, 1989 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

गिरफ्तार युवक की पहचान सुदीप्त मिस्त्री के रूप में हुई है, जो सोनारपुर के पूर्व माली पुकुरिया का निवासी है। वह छह दिनों तक फरार था, लेकिन बुधवार शाम को उसे गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपित पर रेल संचालन में बाधा डालने और यात्रियों की जान को खतरे में डालने के आरोप लगाए गए हैं, जिसके तहत उसे दो साल तक की जेल हो सकती है।

रेलवे अधिकारियों ने इस घटना को सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि एक संभावित साजिश के रूप में भी देखना शुरू कर दिया है। एक अधिकारी ने कहा कि अगर मोटरसाइकिल बंद भी हो गई थी, तो उसे ट्रैक से हटा देना चाहिए था। यह कोई सोची-समझी साजिश थी या नहीं, इसकी जांच की जा रही है। पहले भी कुछ लोग सोशल मीडिया पर वीडियो बनाने के लिए रेलवे ट्रैक पर स्टील के पाइप और गैस सिलेंडर रखने जैसी घटनाओं में शामिल रहे हैं। ऐसे मामलों में कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। रेलवे बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसे मामलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

यह घटना सियालदह डिवीजन के कैनिंग सेक्शन में हुई, जो अत्यधिक व्यस्त उपनगरीय रेलमार्ग है। पूर्व रेलवे ने अधिकतर रेलवे क्रॉसिंग को बंद कर पुलों या अंडरपास से बदलने का प्रयास किया है, लेकिन कुछ स्थानों पर सड़क यातायात की कम मात्रा या भूमि अधिग्रहण की समस्या के कारण ऐसा संभव नहीं हो सका है।

रेलवे के ट्रैफिक विभाग के अधिकारियों का मानना है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए और सख्त कानूनों की जरूरत है। एक ट्रेन की देरी पूरे नेटवर्क को प्रभावित कर सकती है, जिससे यात्रियों को असुविधा होती है।

इस मामले में जांच जारी है और पुलिस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि आरोपित ने ऐसा क्यों किया और कहीं इसके पीछे कोई बड़ी साजिश तो नहीं थी।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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बंगाल में रेल दुर्घटना करवाने की साजिश, पटरी पर बाइक छोड़ने वाला युवक गिरफ्तार

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कोलकाता, 03 अप्रैल (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने एक 23 वर्षीय युवक को गिरफ्तार किया है, जिसने अपनी मोटरसाइकिल को रेलवे क्रॉसिंग की पटरी पर छोड़ दिया था। यह घटना सोनारपुर और चंपाहाटी स्टेशन के बीच 27 मार्च को घटी, जब एक ट्रेन बाइक से टकरा गई, जिससे रेल यातायात बाधित हो गया।

रेलवे अधिकारियों ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि यह एक बड़ी दुर्घटना को जन्म दे सकता था। पूर्वी रेलवे (ईआर) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि यह घटना पटरी से उतरने (डिरेलमेंट) का कारण बन सकती थी। मोटरसाइकिल में पेट्रोल था, जिससे आग लगने की संभावना भी थी। ऐसे में यात्रियों को गंभीर नुकसान हो सकता था। हमने आरोपित के खिलाफ रेलवे अधिनियम, 1989 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

गिरफ्तार युवक की पहचान सुदीप्त मिस्त्री के रूप में हुई है, जो सोनारपुर के पूर्व माली पुकुरिया का निवासी है। वह छह दिनों तक फरार था, लेकिन बुधवार शाम को उसे गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपित पर रेल संचालन में बाधा डालने और यात्रियों की जान को खतरे में डालने के आरोप लगाए गए हैं, जिसके तहत उसे दो साल तक की जेल हो सकती है।

रेलवे अधिकारियों ने इस घटना को सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि एक संभावित साजिश के रूप में भी देखना शुरू कर दिया है। एक अधिकारी ने कहा कि अगर मोटरसाइकिल बंद भी हो गई थी, तो उसे ट्रैक से हटा देना चाहिए था। यह कोई सोची-समझी साजिश थी या नहीं, इसकी जांच की जा रही है। पहले भी कुछ लोग सोशल मीडिया पर वीडियो बनाने के लिए रेलवे ट्रैक पर स्टील के पाइप और गैस सिलेंडर रखने जैसी घटनाओं में शामिल रहे हैं। ऐसे मामलों में कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। रेलवे बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसे मामलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

यह घटना सियालदह डिवीजन के कैनिंग सेक्शन में हुई, जो अत्यधिक व्यस्त उपनगरीय रेलमार्ग है। पूर्व रेलवे ने अधिकतर रेलवे क्रॉसिंग को बंद कर पुलों या अंडरपास से बदलने का प्रयास किया है, लेकिन कुछ स्थानों पर सड़क यातायात की कम मात्रा या भूमि अधिग्रहण की समस्या के कारण ऐसा संभव नहीं हो सका है।

रेलवे के ट्रैफिक विभाग के अधिकारियों का मानना है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए और सख्त कानूनों की जरूरत है। एक ट्रेन की देरी पूरे नेटवर्क को प्रभावित कर सकती है, जिससे यात्रियों को असुविधा होती है।

इस मामले में जांच जारी है और पुलिस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि आरोपित ने ऐसा क्यों किया और कहीं इसके पीछे कोई बड़ी साजिश तो नहीं थी।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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बंगाल में रेल दुर्घटना करवाने की साजिश, पटरी पर बाइक छोड़ने वाला युवक गिरफ्तार

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कोलकाता, 03 अप्रैल (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने एक 23 वर्षीय युवक को गिरफ्तार किया है, जिसने अपनी मोटरसाइकिल को रेलवे क्रॉसिंग की पटरी पर छोड़ दिया था। यह घटना सोनारपुर और चंपाहाटी स्टेशन के बीच 27 मार्च को घटी, जब एक ट्रेन बाइक से टकरा गई, जिससे रेल यातायात बाधित हो गया।

रेलवे अधिकारियों ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि यह एक बड़ी दुर्घटना को जन्म दे सकता था। पूर्वी रेलवे (ईआर) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि यह घटना पटरी से उतरने (डिरेलमेंट) का कारण बन सकती थी। मोटरसाइकिल में पेट्रोल था, जिससे आग लगने की संभावना भी थी। ऐसे में यात्रियों को गंभीर नुकसान हो सकता था। हमने आरोपित के खिलाफ रेलवे अधिनियम, 1989 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

गिरफ्तार युवक की पहचान सुदीप्त मिस्त्री के रूप में हुई है, जो सोनारपुर के पूर्व माली पुकुरिया का निवासी है। वह छह दिनों तक फरार था, लेकिन बुधवार शाम को उसे गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपित पर रेल संचालन में बाधा डालने और यात्रियों की जान को खतरे में डालने के आरोप लगाए गए हैं, जिसके तहत उसे दो साल तक की जेल हो सकती है।

रेलवे अधिकारियों ने इस घटना को सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि एक संभावित साजिश के रूप में भी देखना शुरू कर दिया है। एक अधिकारी ने कहा कि अगर मोटरसाइकिल बंद भी हो गई थी, तो उसे ट्रैक से हटा देना चाहिए था। यह कोई सोची-समझी साजिश थी या नहीं, इसकी जांच की जा रही है। पहले भी कुछ लोग सोशल मीडिया पर वीडियो बनाने के लिए रेलवे ट्रैक पर स्टील के पाइप और गैस सिलेंडर रखने जैसी घटनाओं में शामिल रहे हैं। ऐसे मामलों में कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। रेलवे बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसे मामलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

यह घटना सियालदह डिवीजन के कैनिंग सेक्शन में हुई, जो अत्यधिक व्यस्त उपनगरीय रेलमार्ग है। पूर्व रेलवे ने अधिकतर रेलवे क्रॉसिंग को बंद कर पुलों या अंडरपास से बदलने का प्रयास किया है, लेकिन कुछ स्थानों पर सड़क यातायात की कम मात्रा या भूमि अधिग्रहण की समस्या के कारण ऐसा संभव नहीं हो सका है।

रेलवे के ट्रैफिक विभाग के अधिकारियों का मानना है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए और सख्त कानूनों की जरूरत है। एक ट्रेन की देरी पूरे नेटवर्क को प्रभावित कर सकती है, जिससे यात्रियों को असुविधा होती है।

इस मामले में जांच जारी है और पुलिस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि आरोपित ने ऐसा क्यों किया और कहीं इसके पीछे कोई बड़ी साजिश तो नहीं थी।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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