नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मंगलवार को नई दिल्ली में भारतीय आदिम जनजाति सेवक संघ की प्लैटिनम जयंती समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि ठक्कर बापा स्मारक सदन की उनकी यात्रा किसी पवित्र स्थान की यात्रा के समान है। इस परिसर से ‘भारतीय आदिम जाति सेवक संघ’ का अतीत और वर्तमान जुड़ा हुआ है।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज उन्होंने यहां बापा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दलितों और वंचितों के एक मसीहा का सम्मान किया है। यह एक अच्छा संयोग है कि ‘ठक्कर बापा स्मारक सदन’ डॉक्टर आंबेडकर मार्ग पर स्थित है। बाबासाहब और बापा ने सामाजिक न्याय के लिए जो प्रयास किए हैं वे पूरी मानवता के लिए अनुकरणीय हैं। उन्होंने ठक्कर बापा के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि ठक्कर बापा द्वारा स्थापित किए गए ‘भारतीय आदिम जाति सेवक संघ’ ने सेवा कार्य के 75 वर्ष पूरे कर लिए हैं। इसके लिए भारतीय आदिम जाति सेवक संघ तथा इससे जुड़ी लगभग 105 संबद्ध इकाइयों के सभी पूर्ववर्ती और वर्तमान कार्यकर्ता सराहना के पात्र हैं।
राष्ट्रपति को यह जानकर खुशी हुई कि भारतीय आदिम जाति सेवक संघ ठक्कर बापा के आदर्शों के साथ काम कर रहा है। यह आदिवासी समाज में व्याप्त गरीबी, अशिक्षा और खराब स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर काम करता है। यह संघ लड़कियों और महिलाओं के कल्याण और सशक्तीकरण के लिए काम कर रहा है। उन्होंने विश्वास जताया कि भारतीय आदिम जाति सेवक संघ से जुड़े लोग ठक्कर बापा द्वारा स्थापित जन सेवा के आदर्शों का पालन करते हुए भविष्य में भी अपना समर्पण बनाए रखेंगे। राष्ट्रपति ने ठक्कर बापा के जीवन को अपने लिए भी प्रेरणा बताया और कहा कि ठक्कर बापा ने सेवा को ही तपस्या मानकर परोपकार के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था।
राष्ट्रपति को यह देखकर बहुत प्रसन्नता हुई कि पिछले दशक में जनजातीय समुदाय के विकास और कल्याण के लिए अनेक बड़ी योजनाएं विकसित की गयी हैं और उन्हें कार्यरूप दिया गया है। आज से बीस दिन पहले गांधी जयंती के दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ का शुभारंभ किया है। इस अभियान का लाभ देश के 5 करोड़ से अधिक जनजातीय भाई-बहनों तक पहुंचेगा। पीवीटीजी समुदाय के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा-अभियान यानि पीएम-जनमन के तहत कई परियोजनाओं पर काम चल रहा है। एकलव्य विद्यालयों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। ऐसी अनेक योजनाएं सरकार द्वारा आदिवासी समाज को दी जा रही प्राथमिकता का प्रमाण हैं।
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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार