Jharkhand

एक वक्त आएगा, जब मजदूर नहीं मिलेंगे : खीरू

जदयू के कार्यक्रम में खीरू महतो और सरयू राय सहित अन्य की फोटो

पूर्वी सिंहभूम, 1 मई (Udaipur Kiran) । पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर) राज्यसभा के सदस्य और जनता दल (यूनाइटेड) के झारखंड प्रदेश के अध्यक्ष खीरू महतो ने कहा है कि असंगठित मजदूरों की देश में स्थिति बेहद खराब है। इनकी मजदूरी भी एकसमान नहीं है। आउटसोर्सिंग कंपनियों की भरमार के कारण इन मजदूरों की मजदूरी असमान हो गई है। अब वक्त आ गया है कि असंगठित मजदूरों की स्थिति में सुधार के लिए बड़ा आंदोलन किया जाए।

खीरू बिष्टुपुर स्थित मिलानी हॉल में जनता दल (यूनाइटेड) के तत्वावधान में मजदूर दिवस के अवसर पर गुरुवार को मजदूर सम्मान समारोह सह कार्यकर्ता समेमलन को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हो या केंद्र की सरकार, मजदूरों की मजदूरी को एकसमान बनाने में किसी की कोई दिलचस्पी नहीं है। मनमाने तरीके से न्यूनतम मजदूरी तय कर दी जाती है। जब मजदूरी तय की जाती है तो कोई मजदूर प्रतिनिधि नहीं होता। जिसके जो मन में आता है, तय कर देता है।

खीरू महतो ने कहा कि अब मजदूरों को जोड़ने की जरूरत है। मजदूरों का पैसा सरकारों के पास होता है लेकिन ये जानकारी के अभाव में उस पैसे को निकाल नहीं पाते। मजदूरों को शिक्षित करने की जरूरत है। जो स्थिति बन रही है, जिस तरीके से मजदूरों का शोषण हो रहा है, उससे तो यही प्रतीत होता है कि आने वाले वक्त में खोजने से भी मजदूर नहीं मिलेंगे। उन्होंने कहा कि असंगठित मजदूरों का आइडेंटिटी कार्ड जारी होना चाहिए, ताकि उनकी पहचान हो सके। सरयू राय जी को देख कर लगता है कि हमारे बीच नीतीश कुमार ही बैठे हुए हैं।

असंगठित मजदूरों की संख्या हो रही बेतहाशा बढ़ोतरी : सरयू

विशिष्ट अतिथि के तौर पर जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने कहा कि देश में असंगठित मजदूरों की संख्या बेतहाशा बढ़ रही है। इनमें ठेका मजदूर भी शामिल हैं। अब तो ऐसा समय आ गया है कि ठेकेदार ही मजदूरों के भाग्य विधाता बन गये हैं। मजदूरों को अब उनकी सेवा के बदले में सुरक्षा नहीं मिलती। उदारीकरण के बाद से ही असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की संख्या बढ़ रही है, जबकि संगठित क्षेत्र के मजदूरों की संख्या निरंतर कम होती चली गई है।

उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार का रवैय़ा मजदूरों को लेकर बेहद खराब है। वे उनके बारे में सहृदयतापूर्ण तरीके से नहीं सोचते। मजदूरों की सुनी नहीं जाती।

राय ने कहा कि जिन समस्याओं को कोई मजदूर यूनियन नहीं उठाता, उन समस्याओं को हमें उठाना चाहिए। न सिर्फ उठाना चाहिए वरन उनके लिए जोरदार संघर्ष भी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब मजदूरों की परिभाषा भी बदल रही है। स्किल डेवलपमेंट भी अब मजदूरी की श्रेणी में है तो बौद्धिकता विकास भी अब मजदूरी की श्रेणी में आ गया है।

इसके पूर्व जनता दल (यूनाइटेड) के सभी प्रकल्पों के पदाधिकारियों का सम्मान किया गया।

इस अवसर पर जदयू के पूर्वी सिंहभूम के जिलाध्यक्ष सुबोध श्रीवास्तव, आशुतोष राय, विश्राम प्रसाद, कौशल सिंह, अंजलि सिंह, राणा प्रताप सिंह, बलविंदर सिंह, राजकुमार सिंह, विनीत सिंह, युवा जदयू के प्रदेश अध्यक्ष निर्मल सिंह सहित अन्य मौजूद थे।

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(Udaipur Kiran) / Vinod Pathak

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