Uttrakhand

दुष्कर्म के आरोपित उस्मान के घर पर फिर कार्रवाई की तलवार

भवनों की जांच करते प्राधिकरण के अवर अभियंता।
आरोपित मो. उस्मान का घर।

नैनीताल, 9 मई (Udaipur Kiran) । नैनीताल में 12 वर्षीय नाबालिग से दुष्कर्म के अभियोग में जेल में बंद 75 वर्षीय ठेकेदार मोहम्मद उस्मान के भवन पर एक बार फिर तलवार लटक गयी है। नगर पालिका के बाद अब जिला विकास प्राधिकरण ने आरोपित को नोटिस भेज दिया है।

जिला विकास प्राधिकरण ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर प्रदेश भर में चल रहे 100 वर्ग गज से छोटे भूखंडों की जांच के अभियान के तहत की जा रही कार्रवाई के तहत मोहम्मद उस्मान के भवन पर नियमों के उल्लंघन की आशंका जताते हुए नोटिस जारी कर पक्ष रखने को कहा है। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व नैनीताल नगर पालिका द्वारा जारी किये गये नोटिस को आरोपित की पत्नी की याचिका पर उच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद वापस लेना पड़ा था, लेकिन अब जिला विकास प्राधिकरण ने भवन के निर्माण में संभावित अनियमितताओं को लेकर नए सिरे से नोटिस जारी किया है। प्राधिकरण के अनुसार भवन का नक्शा, स्वीकृत निर्माण सीमा, वन भूमि पर अतिक्रमण, क्षेत्र की सीमा और अनुमति से अधिक निर्माण जैसे कई बिंदुओं पर नियमों का उल्लंघन पाया गया है।

उस्मान का भवन दूसरे की भूमि पर और अनुमन्य ऊंचाई भी अधिक!

बताया जा रहा है कि मोहम्मद उस्मान का भवन वास्तव में रुकुट कंपाउंड में नहीं, बल्कि रुकुट कंपाउंड से नीचे किसी अन्य की निजी भूमि पर बना है। इस भूमि को नजूल भूमि भी बताया जा रहा है। साथ ही यह भी सामने आया है कि इस क्षेत्र में केवल भूतल व एक मंजिल के ही भवन की अनुमति है, जबकि उसका भवन अधिक ऊंचा प्रतीत हो रहा है। बताया जा रहा है कि प्राधिकरण इन पहलुओं पर भी गहन जांच कर रहा है।

40 भवनों का हुआ सत्यापन, 25 को मिले नोटिस

नैनीताल। जिला विकास प्राधिकरण के सचिव विजयनाथ शुक्ल के अनुसार नैनीताल और भवाली क्षेत्र में 40 भवनों का स्थलीय सत्यापन किया गया, जिनमें से 25 भवन स्वामियों को नोटिस जारी कर पक्ष रखने को कहा गया है। इनमें नैनीताल के रुकुट कंपाउंड के 10 भवन स्वामी शामिल बताये गये हैं और इन 10 में मोहम्मद उस्मान का नाम भी शामिल है। उन्होंने बताया कि इन भवनों का नक्शा पास नहीं कराया गया था। सभी भवन जोन-2 एवं वन क्षेत्र के अंतर्गत स्थित हैं, जिन्हें एक अवसर देकर पक्ष रखने को कहा गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सुनवाई के बाद ही यह तय किया जाएगा कि भवन वैध है या अवैध, और आवश्यक होने पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी।

नगर में आक्रोश, लोगों की निगाहें कार्रवाई पर

आरोपित पर कार्रवाई को लेकर नगरवासियों में आक्रोश की स्थिति अब भी बनी हुई है। लोगों की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि क्या प्राधिकरण मोहम्मद उस्मान के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करता है या फिर मामला फिर कानूनी पेंच में उलझकर ठंडे बस्ते में चला जाएगा।

(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी

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