देहरादून, 25अक्टूबर (Udaipur Kiran) । डीआईटी विश्वविद्यालय ने शुक्रवार को ‘विरासत’ महोत्सव के तहत सिंगल-यूज प्लास्टिक पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध लेखक और पर्यावरणविद् डॉ. लोकेश ओहरी ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। उन्होंने सिंगल-यूज प्लास्टिक के खतरों और इसके विकल्पों पर जोर दिया।
संगोष्ठी में पैनल चर्चा के दौरान विशेषज्ञों ने सिंगल-यूज प्लास्टिक के कारण होने वाले पर्यावरणीय नुकसान और इसके समाधानों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि सिंगल-यूज प्लास्टिक को कम करने के लिए हमें सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे। इसके अतिरिक्त, रीच के प्रतिनिधियों, संयुक्त सचिव राजश्री और कुणाल ने चर्चा में योगदान दिया।
पैनल चर्चा में पर्यावरण, आर्थिक और सामाजिक प्रभावों सहित एकल-उपयोग प्लास्टिक के उपयोग से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। विशेषज्ञों ने टिकाऊ विकल्पों, नियामक ढांचे और एसयूपी कचरे को कम करने में प्रौद्योगिकी की भूमिका पर विचार साझा किए। चर्चा से एक महत्वपूर्ण निष्कर्ष यह निकला कि क्षमता निर्माण पर जोर दिया जाए और सभी हितधारकों के बीच जागरूकता पैदा की जा सके ताकि रोजमर्रा की प्रथाओं में व्यवहार परिवर्तन लाया जा सके, जिससे एकल-उपयोग प्लास्टिक पर निर्भरता कम हो सके। डीआईटी विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ डिज़ाइन द्वारा आयोजित इस सेमिनार ने सामूहिक जिम्मेदारी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए एकल-उपयोग प्लास्टिक के प्रबंधन के लिए भविष्य के दृष्टिकोण पर उपयोगी विचार किया गया।
इस कार्यक्रम में एन. रविशंकर, कुलपति जी. रघुराम, रजिस्ट्रार डॉ. सैमुअल, डीन डॉ. एकता सिंह, प्रॉक्टर डॉ. नवीन सिंघल, डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ. निशा और डॉ. नरेश चड्ढा शामिल थे।
(Udaipur Kiran) / राम प्रताप मिश्र