देश में युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के 55वें संस्करण में एक नई पुरस्कार श्रेणी जोड़ी गई है। इस श्रेणी का नाम है ‘भारतीय फीचर फिल्म के सर्वश्रेष्ठ नवोदित निर्देशक’, जिसमें भारत के विभिन्न क्षेत्रों से चुनी गई पांच उत्कृष्ट नवोदित फिल्में शामिल होंगी। ये फिल्में नए दृष्टिकोण, विविध कहानी कहने की शैली और अनोखी सिनेमाई शैलियों को उजागर करेंगी। आईएफएफआई का आयोजन 20 से 28 नवंबर, 2024 तक गोवा में होगा, और इस श्रेणी के लिए अपने आधिकारिक चयन की घोषणा कर दी गई है।
भारतीय फीचर फिल्म श्रेणी के सर्वश्रेष्ठ नवोदित निर्देशक: आधिकारिक चयन
1 फ़िल्म ‘बूंग’ निर्देशक ‘लक्ष्मीप्रिया देवी’ भाषा ‘मणिपुरी’
2 फ़िल्म ‘घरात गणपति’ निर्देशक ‘नवज्योत बांदीवाडेकर’ भाषा ‘मराठी’
3 फ़िल्म ‘मिक्का बन्नाडा हक्की (एक अलग पंख वाला पक्षी)’ निर्देशक ‘मनोहर के’ भाषा ‘कन्नड’
4 फ़िल्म ‘रजाकार (हैदराबाद का मूक नरसंहार)’ निर्देशक ‘यता सत्यनारायण’ भाषा ‘तेलुगू’
5 फ़िल्म ‘थानुप्प (द कोल्ड)’ निर्देशक ‘रागेश नारायणन’ भाषा ‘मलयालम’
गोवा में आयोजित होने वाले 55वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के दौरान एक विशेष जूरी द्वारा इन चयनित फिल्मों का मूल्यांकन किया जाएगा। 28 नवंबर, 2024 को समापन समारोह में ‘भारतीय फीचर फिल्म के सर्वश्रेष्ठ नवोदित निर्देशक’ का पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। भारत के फिल्म और कला जगत के प्रतिष्ठित पेशेवरों से बनी प्रिव्यू कमेटी ने 117 योग्य प्रविष्टियों में से इन पांच फिल्मों का चयन किया है।
इस वर्ष भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव ने भारतीय सिनेमा में नए दृष्टिकोण और रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए नवोदित भारतीय फिल्मों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है। इन फिल्मों के माध्यम से महोत्सव का उद्देश्य उभरते फिल्म निर्माताओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दर्शकों तक पहुंचने का अवसर देना और भारतीय सिनेमा को वैश्विक मंच पर मजबूती से स्थापित करना है। आईएफएफआई अंतरराष्ट्रीय फेडरेशन ऑफ फिल्म प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन से मान्यता प्राप्त 14 वैश्विक फिल्म समारोहों में से एक है।
(Udaipur Kiran) / लोकेश चंद्र दुबे