
मुरादाबाद, 22 मार्च (Udaipur Kiran) । मुरादाबाद के विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट रघुबर सिंह की अदालत ने शनिवार को आठ साल पहले परीक्षा देकर घर लौट रही अनुसूचित जाति की नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के मामले में दोषी पुष्पेंद्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही अदालत ने दोषी पर 71 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
थाना ठाकुरद्वारा में 7 मार्च 2017 को पीड़िता के पिता ने मुकदमा दर्ज कराया था। उसने बताया था कि उसकी 16 साल की नाबालिग बेटी कक्षा 11 की वार्षिक परीक्षा देने नजदीकी गांव स्थित स्कूल में गई थी। परीक्षा देकर लौटते समय रास्ते में गांव निवासी पुष्पेंद्र उसे जबरन एक खेत में खींच ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। काफी देर तक जब बेटी घर नहीं लौटी तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की। रास्ते में उसकी बेटी बदहवास स्थिति में मिली। पीड़िता ने परिजनों को आपबीती सुनाई। इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस ने आरोपित के खिलाफ एक अप्रैल 2017 को अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया।
मुकदमें की सुनवाई विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट की अदालत में हुई। मुकदमें में कुल आठ गवाह अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किए गए। इस दौरान पीड़िता ने अदालत में पेश होकर पूरी घटना बताई। बचाव पक्ष ने दलील दी कि गांव की रंजिश के चलते उसके खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कराया गया था। आरोपित ने कोई अपराध नहीं किया है। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद पत्रावली पर मौजूद साक्ष्यों के आधार पर आरोपित पुष्पेंद्र को दुष्कर्म का दोषी पाया। पीड़िता अनुसूचित जाति से है, इसलिए अदालत ने साक्ष्यों के आधार पर आरोपित को एससी-एसटी एक्ट का भी दोषी करार दिया। उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई व 71 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
(Udaipur Kiran) / निमित कुमार जायसवाल
