औरैया, 17 सितंबर (Udaipur Kiran) । बुढ़वा मंगल के अवसर पर मंगलवर को सुबह से ही हनुमान जी की पूजा अर्चना के लिये मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जा रही है। मंदिराें में पूजा अर्चना के लिए विशेष व्यवस्था के साथ सुरक्षा के पुख्ता बंदाेबस्त किए गए हैं।
आपको बता दें कि बुढ़वा मंगल हर साल भाद्रपद मास के आखिरी मंगलवार को मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन हनुमानजी के वृद्ध रूप की पूजा की जाती है। बुढ़वा मंगल के दिन हनुमानजी को चोला चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। श्रद्धालु लाल पुष्प, धूप, दीप सहित प्रसाद में मीठी पूड़ी, बूंदी का बताशा आदि का भोग लगाते हैं। आज बुढ़वा मंगल पर जगह-जगह सुंदर काण्ड का पाठ, रामचरित मानस का पाठ किया जा रहा है। इसके साथ ही जगह जगह पर भंडारे का भी आयोजन किया जा रहा है। औरैया के संकट मोचन मन्दिर, पढ़ीन स्थिति दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर, पंचमुखी हनुमान मंदिर सहित सभी हनुमान मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ पूजन अर्चन कर रही है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार सीता मां को खोजते हुए जब हनुमानजी लंका पहुंचे तो रावण ने बंदर कहकर उनका अपमान किया। रावण के घमंड को चकनाचूर करने के लिये हनुमानजी ने वृद्ध वानर का रूप धारण किया था। कहा जाता है कि जिस दिन हनुमानजी ने यह रूप धारण किया था, उस दिन भाद्रपद मास का मंगलवार था। उस दिन हनुमानजी ने विराट रूप धारण किया था और अपनी पूंछ से लंका को जलाकर लंकापति रावण का घमंड चकनाचूर कर दिया था, तभी से भाद्रपद मास के इस मंगलवार को बुढ़वा मंगल के रूप में मनाया जाता है।
ऐसी मान्यता है कि बुढ़वा मंगल पर हनुमान चालीसा, बजरंगबाण का पाठ करने और सुंदरकांड को पढ़ने से भक्तों को हनुमानजी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और बजरंगबली प्रसन्न होते हैं। अगर आपकी कोई मनोकामना अधूरी है या फिर कोई महत्वपूर्ण कार्य पूरा होने में बार-बार बाधाएं आ रही हैं तो बुढ़वा मंगल के दिन हनुमानजी के मंदिर में चोला चढ़ाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से श्रद्धालु की सारी अधूरी इच्छाएं हनुमान जी की कृपा से पूर्ण होंगी।
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(Udaipur Kiran) कुमार