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—सनातन धर्म में सावन में आने वाली मासिक शिवरात्रि का भी विशेष महत्व
वाराणसी,02 अगस्त (Udaipur Kiran) । सावन मास के तेरस (त्रयोदशी)और मास शिवरात्रि पर शुक्रवार को श्री काशी विश्वनाथ दरबार में शिवभक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा । मंगलाआरती के बाद भोर से ही बाबा के दरबार में दर्शन पूजन के लिए शिवभक्त पहुंचने लगे। श्रद्धालुओं ने धाम में बाबा का झांकी दर्शन कर बाहर बने पात्र से ज्योर्तिलिंग पर जलाभिषेक किया। मंदिर प्रबंधन के अनुसार दोपहर 12 बजे तक दरबार में 94325 श्रद्धालुओं ने दर्शन पूजन कर लिया था। हजारो श्रद्धालु दर्शन पूजन के लिए कतारबद्ध होकर अपनी बारी का इंतजार करते रहे।
गौरतलब हो कि हर माह में कृष्ण पक्ष में आने वाली चतुर्दशी तिथि पर मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। यह तिथि महादेव की पूजा-अर्चना के लिए खास है। सनातन धर्म में सावन में आने वाली मासिक शिवरात्रि का भी विशेष महत्व माना गया है। मान्यता है कि महादेव जलाभिषेक से अति प्रसन्न होते हैं। मासिक शिवरात्रि भी भगवान शिव की आराधना के लिए एक उत्तम दिन है। सावन माह में तेरस और शिवरात्रि पर बाबा विश्वनाथ धाम में दर्शन पूजन के साथ बाबा का जलाभिषेक कर श्रद्धालु आह्लादित दिखे। हजारों की संख्या में कांवड़ियों ने भी बाबा का जलाभिषेक किया। इसके पहले गुरूवारीय प्रदोष पर भी दरबार में श्रद्धालु उमड़ते रहे। धाम में हर-हर महादेव का नारा पूरे दिन गुंजायमान रहा। दरबार में बोल-बम का जयकारा लगाते कांवड़ियों का रेला उमड़ा तो उनकी सेवा करने वालों में भी होड़ मची रही। शहर में आने पर और इसके पहले रोहनिया तक यहीं नजारा दिखा।मंगला आरती से शुरू हुआ दर्शन-पूजन का सिलसिला शयन आरती तक अनवरत जारी रहा। धाम क्षेत्र के सभी प्रवेश द्वार से कांवड़ियों को प्रवेश दिया जा रहा था। भोर में मंगला आरती के बाद और शाम को प्रदोष काल में जल चढ़ाने वालों की भीड़ सबसे अधिक रही। मंदिर प्रशासन की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार दो लाख से अधिक शिवभक्तों ने बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया।
(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी / Siyaram Pandey
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