
जम्मू, 22 मई (Udaipur Kiran) । डोगरी संस्था जम्मू ने वर्मा वीडियो विजन के सहयोग से जम्मू के कर्ण नगर स्थित डोगरी भवन के कुंवर वियोगी ऑडिटोरियम में प्रख्यात डोगरी लेखक और फिल्म निर्माता वेद राही के जीवन और कार्यों पर एक वृत्तचित्र फिल्म दिखाई, जिसमें संस्कृति विभाग के प्रधान सचिव बृज मोहन शर्मा (आईएफएस) मुख्य अतिथि थे। इस अवसर पर डोगरी संस्था जम्मू के अध्यक्ष पद्मश्री प्रोफेसर ललित मगोत्रा ने समारोह की अध्यक्षता की, जबकि जम्मू-कश्मीर कला, संस्कृति और भाषा अकादमी की सचिव हरविंदर कौर (जेकेएएस) और साहित्य अकादमी फिल्म अभिलेखागार के सलाहकार बोर्ड के सदस्य डॉ. नसीब सिंह मन्हास विशेष अतिथि थे। साहित्य अकादमी नई दिल्ली द्वारा निर्मित वृत्तचित्र फिल्म स्वर्गीय जे.पी. सराफ द्वारा लिखी गई है, जिन्हें उनके कलम नाम छत्रपाल के नाम से जाना जाता है। इसका निर्देशन सुदेश कुमार वर्मा ने किया है और संगीत कुलदीप सप्रू ने दिया है, जबकि देस राज छायाकार और संपादक थे।
यहां यह बताना उचित होगा कि कवि, लघु कथाकार और उपन्यासकार के रूप में डोगरी साहित्य को समृद्ध करने वाले वेद राही को 1983 में लघु कथाओं के संग्रह ‘आले’ के लिए प्रतिष्ठित साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था। उनके नाम ‘गर्भजून’, ‘अनंत’ और ‘ललद्द’ जैसे चर्चित उपन्यास हैं, जिनका कई भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। उन्होंने ‘ये रात फिर न आएगी’, ‘आप आए बाहर आई’, ‘पवित्र पापी’, ‘बे-ईमान’, ‘प्रेम पर्वत’, ‘चरस’, ‘काली घटा’ जैसी कई हिंदी फीचर फिल्मों के लिए संवाद और पटकथा लिखी हैं। उन्होंने विनायक दामोदर सावरकर के जीवन पर आधारित फिल्म ‘वीर सावरकर’ का लेखन और निर्देशन भी किया है। उन्होंने कई धारावाहिकों का निर्देशन भी किया , जिनमें दूरदर्शन के लिए बेहद लोकप्रिय पौराणिक धारावाहिक ‘मीराबाई’ और ‘गुल गुलशन गुलफाम’ शामिल हैं। मुख्य अतिथि बृज मोहन शर्मा ने डोगरी साहित्य और फिल्म निर्माण में वेद राही द्वारा दिए गए महान योगदान को याद करते हुए कहा कि वे एक जीवित किंवदंती हैं। साहित्य अकादमी ने उनके जीवन और कार्यों को एक वृत्तचित्र के रूप में प्रलेखित करके एक सराहनीय कार्य किया है जो कई लोगों को उनके पदचिन्हों पर चलने के लिए प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा कि मातृभाषा डोगरी में ऐसे और अधिक समर्पित साहित्यकार होने चाहिए। इससे पहले सम्मानित सभा का स्वागत करते हुए प्रो. ललित मगोत्रा ने कहा कि वेद राही न केवल डोगरों बल्कि पूरे जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश का गौरव हैं। उन्होंने एक कवि, कथाकार और उपन्यासकार के रूप में मातृभाषा डोगरी में ऐसा गुणवत्तापूर्ण साहित्य लिखा है जिस पर हम गर्व कर सकते हैं। वह कई लोगों के लिए एक आदर्श हैं। इस अवसर पर बोलते हुए हरविंदर कौर ने कहा कि वेद राही जैसे दिग्गज किसी भी समुदाय के लिए एक संपत्ति हैं जो अपने रचनात्मक कार्यों को नए आयाम देते हैं और इस प्रकार न केवल अपने लिए एक जगह बनाते हैं बल्कि अपनी मातृभूमि को भी गौरवान्वित करते हैं। डॉ. नसीब सिंह मन्हास ने भी वेद राही के साथ अपने जुड़ाव को याद करते हुए कहा कि उनका साहित्य बेमिसाल है। उन्होंने आगे कहा कि एक फिल्म लेखक और निर्देशक के रूप में भी उन्होंने हिंदी सिनेमा जगत में अपनी योग्यता साबित की।
पवन वर्मा ने कार्यक्रम का संचालन किया। समारोह में कई साहित्यकार, साहित्यकार और डोगरी प्रेमी शामिल हुए।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
