जयपुर, 16 जनवरी (Udaipur Kiran) । पंचायती राज संस्थाओं के बाद अब भजनलाल सरकार शहरी निकायों का भी पुनर्गठन करने जा रही है। नगर निगम, नगर परिषदों और नगर पालिकाओं की सीमाओं में बदलाव करने और नए शहरी निकाय बनाने और खत्म करने का आकलन करने के लिए सरकार ने मंत्रियों की कमेटी का गठन किया है। इस पुनर्गठन के बाद ही चुनाव होंगे। निकाय चुनाव का समय बढ़ाने और वन स्टेट-वन इलेक्शन के लिए भी पुनर्गठन को अहम माना जा रहा है।
यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा को कैबिनेट सब कमेटी का संयोजक बनाया गया है। इस कमेटी में जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत, वन मंत्री संजय शर्मा और सहकारिता मंत्री गौतम कुमार को सदस्य बनाया गया है। मंत्रियों की कमेटी शहरी निकायों का पुनर्गठन करने के लिए खाका तैयार करेगी। इसके अलावा लोगों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं से भी फीडबैक लेगी। जो इलाके नगर पालिका, नगर परिषद या शहरी निकाय बनने के मापदंडों को पूरा नहीं करते उनमें छूट देने के लिए भी कैबिनेट सब कमेटी को अधिकृत किया गया है। राजनीतिक आधार पर वार्डों में फेरबदल को लेकर भी स्थानीय मांग के हिसाब से यह कमेटी फैसला करेगी।
कैबिनेट सब कमेटी कई शहरों में निकायों के अपग्रेडेशन की भी समीक्षा करेगी। गहलोत राज में बनाए गए दो-दो नगर निगमों के फैसले की भी कमेटी समीक्षा करेगी। इसमें जयपुर,कोटा और जोधपुर में बनाए गए दो-दो नगर निगम में से एक-एक को खत्म करने पर भी रिपोर्ट देगी। यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा कई बार इन तीनों शहरों में एक-एक नगर निगम ही रखने की बात कह चुके हैं। शहरी निकायों के वार्डों का पुनर्गठन राजनीतिक आधार पर ही होता आया है। जानकारों के मुताबिक कांग्रेस राज के दौरान नगर निगम, नगर परिषदों और नगर पालिकाओं में वार्डों का पुनर्गठन इस तरह से किया गया था कि सत्ताधारी पार्टी को उसका लाभ मिल रहा था। अब प्रदेश में सरकार बदलने के बाद नए सिरे से पुनर्गठन होने जा रहा है। ऐसे में अब कांग्रेस राज में जिन इलाकों से वार्ड बने थे। उनमें फेरबदल किया जाना तय माना जा रहा है। अल्पसंख्यक बहुल वार्डों में अब सबसे ज्यादा फेरबदल होने की संभावना है।
—————
(Udaipur Kiran) / रोहित