RAJASTHAN

सरिस्का के संरक्षण पर अशोक गहलोत की चिंता, खनन गतिविधियों को पुनः शुरू करने की योजना का किया विरोध

पूर्व सीएम अशोक गहलोत

जयपुर, 30 जून (Udaipur Kiran) । पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरिस्का टाइगर रिजर्व की सीमा घटाकर खनन गतिविधियों को पुनः शुरू करने की संभावित योजना का विरोध करते हुए इसे पर्यावरण और वन्यजीवों के लिए खतरनाक कदम बताया है। उन्होंने सोमवार को अपने एक्स हैंडल पर इस मुद्दे को लेकर पोस्ट साझा करते हुए सरकार को आड़े हाथों लिया।

गहलोत ने लिखा कि

सरिस्का टाइगर रिजर्व बाघों के संरक्षण और पुनर्वास का अद्वितीय उदाहरण है। एक समय था जब यहां एक भी बाघ नहीं बचा था, लेकिन विशेष संरक्षण प्रयासों से आज यह संख्या 50 के करीब पहुंच चुकी है। अब यदि सरकार जंगल की सीमा घटाकर खदानें दोबारा शुरू करना चाहती है, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण और वन्यजीवों के लिए अत्यंत नुकसानदेह होगा।

उन्होंने लिखा कि राज्य और केंद्र दोनों सरकारों में वन एवं पर्यावरण मंत्री अलवर से ही हैं, ऐसे में उन्हें इस विषय पर और अधिक संवेदनशील होकर कार्य करना चाहिए। गहलोत ने आरोप लगाया कि राज्य में भाजपा सरकार के आने के बाद पर्यावरण विरोधी योजनाओं को तेजी से मंजूरी दी जा रही है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए गंभीर संकट बन सकती हैं।

गहलोत ने मांग की कि सरिस्का की सीमा में कटौती कर खनन को फिर से शुरू करने की योजना को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए, ताकि बाघों एवं अन्य वन्यजीवों का निवास क्षेत्र सुरक्षित रह सके।

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(Udaipur Kiran) / रोहित

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