शिमला, 26 जून (Udaipur Kiran) । शिमला की एक विशेष पॉक्सो अदालत ने स्कूल में पढ़ने वाली अपनी सौतेली बेटी के साथ दुष्कर्म कर उसे गर्भवती करने वाले शख्स को दोषी ठहराते हुए 25 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
विशेष न्यायाधीश पॉक्सो/बलात्कार विवेक शर्मा की अदालत ने गुरुवार को आरोपी सतीश कुमार को भारतीय दंड संहिता की धारा 376, 354, 354ए और पॉक्सो एक्ट की धारा 4, 6 व 8 के तहत दोषी पाया। अदालत ने पॉक्सो एक्ट की धारा 4 और 6 के तहत 25 साल का कठोर कारावास और 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके अतिरिक्त, पॉक्सो एक्ट की धारा 8 तथा भादंसं की धारा 353, 354ए के तहत 5 साल के कठोर कारावास और जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है। अदालत ने पीड़ित को 4 लाख रुपये का मुआवजा देने की भी सिफारिश की है। सरकार की ओर से उप जिला न्यायवादी संगीता जस्टा ने इस मामले की पैरवी की।
यह मामला 2 जून, 2021 को तब सामने आया, जब पीड़िता के स्कूल की प्रधानाचार्य ने सदर पुलिस थाना शिमला में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में बताया गया था कि उनकी स्कूल में पढ़ रही एक छात्रा के साथ उसका सौतेला पिता लंबे समय से यौन उत्पीड़न कर रहा था। जांच के दौरान यह भी पाया गया कि इस दुष्कर्म के कारण पीड़िता गर्भवती हो गई थी। मामले की गहनता से जांच एस.आई. हेतराम ने की। इन तथ्यों के आधार पर सदर पुलिस थाना में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर चालान अदालत में पेश किया गया। अभियोजन पक्ष ने अपने मामले को साबित करने के लिए 30 गवाहों के बयान दर्ज कराए। मुकदमे के समापन पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश शिमला की अदालत ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए उपरोक्त सजा सुनाई।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
