हरिद्वार, 26 जून (Udaipur Kiran) । श्रीगीता विज्ञान आश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि धर्म और सत्य की सदैव विजय होती है और जब व्यक्ति धर्म को छोड़कर धन की तरफ भागता है तो उसका विनाश हो जाता है। वे आज विष्णु गार्डन स्थित श्रीगीता विज्ञान आश्रम में गंगा स्नान करने आए श्रद्धालुओं को स्नान और दान का महत्व समझा रहे थे।
पुण्य की जड़ पाताल में होने का तर्क देते हुए उन्होंने कहा कि दान का पुण्य महान फलदायी होता है और गंगा तट पर किया गया दान सहस्र गुना होकर सुख और समृद्धि के द्वार खोल देता है। चातुर्मास को धर्म-कर्म से जुड़ा कालखंड बताते हुए उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में जब आवागमन की गतिविधियां रुक जाती थीं तब विभिन्न स्थानों पर धार्मिक आयोजनों की शृंखला प्रारंभ हो जाती थी।
मां गंगा को प्रकृति की प्रत्यक्ष देवी बताते हुए उन्होंने कहा कि चातुर्मास में गंगा अपने वास्तविक स्वरूप में होती है और अपने तथा अपने भक्तों के तन और मन दोनों को शुद्धि प्रदान करती है। विश्व में चल रहे युद्ध के हालातों पर शांति एवं सद्भाव का संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि भारत शांति एवं सद्भाव का तथा सनातन धर्म प्रकृति का पुजारी है। भारत ने सदैव शांति और सद्भाव का संदेश दिया है, यही भारत के विश्वविजेता बनने का मूल मंत्र है। जो धर्म, संप्रदाय और देश धर्म को त्याग कर धन की तरह भाग रहे हैं उनका अंत होगा और धर्मात्मा भारत का विश्व पर परचम लहराएगा।
आगामी 10 जुलाई को आयोजित हो रहे गुरु पूर्णिमा पर्व का महत्व समझाते हुए शतायु संत ने कहा कि गुरु के बिना व्यक्ति का जीवन अधूरा होता है। माता-पिता से तन, परमात्मा से जीवन तथा गुरु से ज्ञान की प्राप्ति होती है और गुरु पूर्णिमा ज्ञान प्राप्ति का अद्भुत योग होता है। इस दिन गंगा स्नान कर गुरुगद्दी से जो भक्त ज्ञान प्राप्त करता है उसका जीवन सार्थक हो जाता है। इस अवसर पर राजस्थान, हरियाणा, गुजरात तथा उत्तर प्रदेश से आए सैकड़ाें श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर गुरु गद्दी का आशीर्वाद प्राप्त किया।
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(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला
