Haryana

हिसार : वैश्विक दृष्टिकोण अपनाकर करियर को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते छात्र : डॉ. पवनीश

कार्यक्रम को संबोधित करते डॉ. पवनीश मदान।
कार्यक्रम में उपस्थित लुवास के छात्र।

लुवास में ‘पशु चिकित्सा विज्ञान का भविष्य’ विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन हिसार, 24 जून (Udaipur Kiran) । यहां के लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय की ओर से वैश्विक शिक्षा और अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी का विषय ‘पशु चिकित्सा विज्ञान का भविष्य: प्रवृत्तियां, नवाचार और उत्तर अमेरिका का दृष्टिकोण’ था।विश्वविद्यालय के परामर्श एवं प्लेसमेंट प्रकोष्ठ की ओर से कुलपति प्रो. (डॉ.) नरेश कुमार जिंदल के मार्गदर्शन में मंगलवार काे आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों और शिक्षकों को पशु चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे अंतरराष्ट्रीय स्तर के नवीन अनुसंधानों, तकनीकों और करियर के अवसरों से अवगत कराना था। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता प्रो. (डॉ.) पवनीश मदान थे, जो कनाडा स्थित ऑन्टेरियो वेटरिनरी कॉलेज (गुएल्फ विश्वविद्यालय) के बायो मेडिकल साइंसेज विभाग से हैं। वे पशु प्रजनन जीव विज्ञान और ट्रांसलेशनल रिसर्च में अग्रणी माने जाते हैं।डॉ. मदान ने अपने व्याख्यान में पशु चिकित्सा विज्ञान के भविष्य को आकार देने वाली उभरती तकनीकों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि आने वाले वर्षों में यह क्षेत्र अनेक क्रांतिकारी परिवर्तनों से गुजरेगा, जिनमें प्रमुख हैं–पुनरुत्पादक उपचार (जैसे स्टेम सेल थैरेपी), जो क्षतिग्रस्त ऊतकों के पुनर्निर्माण में सहायक है; सटीक पशु चिकित्सा देखभाल, जिसमें प्रत्येक पशु की जैविक विशेषताओं के अनुसार व्यक्तिगत इलाज सुनिश्चित किया जाता है तथा कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), जो निदान से लेकर उपचार निर्णयों तक की प्रक्रिया को अधिक तेज़, सटीक और प्रभावी बनाती है।कार्यक्रम का आयोजन छात्र कल्याण निदेशक डॉ. सज्जन सिहाग के पर्यवेक्षण में किया गया, जबकि संचालन और समन्वय की जिम्मेदारी डॉ. तरुण कुमार (संयोजक, परामर्श एवं प्लेसमेंट प्रकोष्ठ) ने निभाई। पशु चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. गुलशन नारंग भी कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित रहे और उन्होंने छात्रों को इस तरह के कार्यक्रमों से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया।संगोष्ठी में विश्वविद्यालय के इंटर्नशिप कर रहे छात्र, स्नातकोत्तर छात्र, रिसर्च स्कॉलर्स और फैकल्टी मेंबर्स ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में एक सवाल-जवाब और संवाद सत्र भी आयोजित किया गया, जिसमें विद्यार्थियों और शिक्षकों ने अंतरराष्ट्रीय शोध सहयोग, नई तकनीकों का अनुप्रयोग, और विदेशों में उच्च अध्ययन के अवसरों को लेकर अपने सवाल रखे और विशेषज्ञ से मार्गदर्शन प्राप्त किया। सहायक निदेशक, छात्र कल्याण–परामर्श एवं प्लेसमेंट डॉ. रेनू गुप्ता ने धन्यवाद किया। उन्होंने मुख्य वक्ता डॉ. मदान सहित विश्वविद्यालय प्रशासन, आयोजन समिति, शिक्षक गण और सभी छात्रों का आभार व्यक्त किया, जिनकी सहभागिता और सहयोग से यह संगोष्ठी अत्यंत सफल रही।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

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