
नारनौल, 24 जून (Udaipur Kiran) । ग्रामीण क्षेत्रों में दो दशक से अधिक समय से ग्राम पंचायतों में अनधिकृत रूप से निर्मित मकानों में रह रहे लोग कुछ शर्तों के साथ मालिकाना हक ले सकते है। इच्छुक लाभार्थी भूमि के स्वामित्व का दावा करने के लिए संबंधित खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी के कार्यालय में आकर आवेदन कर सकते हैं।
उपायुक्त डॉ.विवेक भारती ने मंगलवार को बताया कि विकास एवं पंचायत विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के तहत ग्राम पंचायतों में अनधिकृत रूप से निर्मित मकानों को विनियमित करने का अधिकार देने के लिए प्रावधान किया गया है। इस प्रावधान के तहत संबंधित नागरिक गांव के निवासी होने चाहिए। लाभार्थी के मकान का निर्माण 31 मार्च, 2004 को या उससे पहले हुआ होना चाहिए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि उस मकान से किसी सार्वजनिक उपयोगिता के यातायात में कोई बाधा उत्पत्र नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा यह तालाब या किसी जल निकाय या राजस्व रास्ते के लिए आरक्षित भूमि पर भी नहीं होनी चाहिए। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि केवल ढका हुआ क्षेत्र तथा ढके हुए क्षेत्र का 25 प्रतिशत खुला स्थान होना चाहिए। कुल मिलाकर 500 वर्ग गज से अधिक नहीं होना चाहिए। भूमि क्रय के लिए आवेदन नियमावली के प्रकाशन की तिथि अर्थात 17 जनवरी 2025 से 12 माह की अवधि के भीतर प्रस्तुत किया जा सकेगा।
भूमि की दर 31 मार्च 2024 को प्रचलित कलेक्टर दर के 1.5 गुना के बराबर होगी तथा यदि यह उपलब्ध न हो तो अगले वर्ष की कलेक्टर दर पर विचार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जो भी नागरिक इन शर्तो के दायरे में भूमि के स्वामित्व का दावा करने के हकदार हैं, वे अपना आवेदन संबंधित खण्ड कार्यालय में किसी भी कार्यदिवस पर जमा करवा सकते हैं।
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(Udaipur Kiran) / श्याम सुंदर शुक्ला
