
जम्मू, 23 जून (Udaipur Kiran) । विधायक मढ़ सुरिंदर कुमार ने आज डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में स्मृति दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में भाजपा के संगठन सचिव अशोक कौल, जम्मू उत्तर विधायक शाम लाल शर्मा, जिला अध्यक्ष नंद किशोर, सह-प्रभारी जिला विनय गुप्ता, डीडीसी मढ़ बलबीर कुमार, राज्य सचिव विकास चौधरी, पूर्व जिला अध्यक्ष ओमी खजूरिया, जिला सचिव भुवनेश मेहता और जिला उपाध्यक्ष कामिनी चोपड़ा सहित अन्य प्रमुख नेता शामिल हुए।
यह कार्यक्रम इस महान नेता को श्रद्धांजलि देने और राष्ट्र निर्माण में उनके अमूल्य योगदान को याद करने का अवसर था। पार्टी कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नेताओं ने राष्ट्र के लिए डॉ. मुखर्जी के उल्लेखनीय योगदान को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी उनके निस्वार्थ बलिदान और राष्ट्रीय एकता और अखंडता के सिद्धांतों के प्रति समर्पण का सम्मान किया। डॉ. मुखर्जी का जीवन सभी के लिए प्रेरणा है जो राष्ट्र की एकता, अखंडता और सिद्धांतों के प्रति समर्पण का प्रतीक है। उनका प्रतिष्ठित कथन एक देश में दो संविधान, दो झंडे और दो प्रधानमंत्री नहीं हो सकते आज भी हमारा मार्गदर्शन करता है। यह कार्यक्रम डॉ. मुखर्जी की चिरस्थायी विरासत और आज हमारे कार्यों को निर्देशित करने में उनके आदर्शों के महत्व की याद दिलाता है।
अशोक कौल ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए भारत की अखंडता में डॉ. मुखर्जी के योगदान को याद किया और उनके नारे एक विधान, एक संविधान’ और ये कश्मीर हमारा है को राष्ट्रीय एकता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण क्षण बताया। भाजपा वास्तव में श्यामा प्रसाद मुखर्जी की विचारधारा को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है जो एक दूरदर्शी नेता थे जिन्होंने राष्ट्रीय एकता, अखंडता और मजबूत शासन का समर्थन किया।
विधायक मढ़ सुरिंदर कुमार ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि डॉ. मुखर्जी राष्ट्रीय एकता और अखंडता के चैंपियन थे और एकजुट भारत के लिए उनका दृष्टिकोण आज भी नेताओं को प्रेरित करता है। उन्होंने एकजुट भारत के लिए अपने दृष्टिकोण और समर्पण के अंतिम रूप के रूप में त्याग में अपने विश्वास पर प्रकाश डाला। उन्होंने जनसंघ की स्थापना और अनुच्छेद 370 को हटाने की वकालत करने में अपनी भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने डॉ. मुखर्जी को श्रद्धांजलि अर्पित की और उन्हें आधुनिक भारत का निर्माता माना।
(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता
