
जयपुर, 21 जून (Udaipur Kiran) । राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने करौली की मंडरायल पंचायत समिति के ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ निकाली 3.70 लाख रुपये की रिकवरी रोक लगा दी है। इसके साथ ही अदालत ने मामले में प्रमुख पंचायती राज सचिव और स्थानीय जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सहित अन्य से जवाब तलब किया है। अधिकरण के अध्यक्ष विकास सीताराम भाले और सदस्य लेखराज तोषावडा ने यह आदेश बनवारी लाल की अपील पर दिए।
अपील में अधिवक्ता विजय पाठक ने बताया कि अपीलार्थी के खिलाफ विकास कार्यों में अनियमितता के आरोप में गत 24 अप्रैल को विकास अधिकारी ने काम की लागत राशि की उससे रिकवरी निकाल दी। इसे चुनौती देते हुए कहा गया की रिकवरी आदेश जारी करने से पहले न तो अपीलार्थी को नोटिस दिया और ना ही उसे सुनवाई का मौका ही मिला। यह प्राकृतिक न्याय के प्रावधानों की अवहेलना है। अपील में कहा गया कि गांव में विकास कार्य 12 साल पहले करवाए गए थे, जिनकी यूसी और सीसी भी जमा करवा दी थी। निर्माण कार्य के लिए करीब 10 लाख रुपए मंजूर किए थे, लेकिन काम केवल 5 लाख रुपये में हुआ और इतनी ही राशि का भुगतान किया था। जबकि रिकवरी राशि की गणना 10 लाख रुपये के आधार पर निकाली गई है। ऐसे में रिकवरी आदेश को रद्द किया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने रिकवरी आदेश पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
—————
(Udaipur Kiran)
