RAJASTHAN

(अपडेट) .. रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल से चरमराई चिकित्सकीय व्यवस्था

jodhpur

जोधपुर, 20 जून (Udaipur Kiran) । डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के फार्माकोलॉजी विभाग के रेजिडेंट डॉ. राकेश विश्नोई के आत्महत्या मामले को लेकर रेजिडेंट डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों में ओपीडी व वार्डों का काम छोड़ दिया है। हालांकि इमरजेंसी आईसीयू, सीसीयू और लेबर रूम जैसी इकाइयों का अभी संचालन कर रहे हैं। इससे पहले दो दिन तक मंगलवार और गुरुवार को एसएन मेडिकल कॉलेज के सभी रेजिडेंट डॉक्टर ने दो घंटे की सुबह 8 से 10 बजे तक पेनडाउन हड़ताल रखी थी।

रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. हीरालाल यादव व सचिव डॉ. रणजीत चौधरी ने बताया कि हम चाहते हैं कि विभागाध्यक्ष को जिम्मेदारी से हटाया जाए या वो खुद पदत्याग दें। जांच के दौरान जिम्मेदार पद पर रहेंगे तो सही जांच नहीं होगी। कार्रवाई नहीं हुई तो सभी 590 रेजिडेंट काम से पूरी तरह दूरी बना लेंगे। उन्होंने कहा कि राजस्थान में चिकित्सक की कोई वैल्यू नहीं है। एक का शव सात दिन से जयपुर में रखा है। दूसरे की करंट से मौत हो गई। अजमेर में डॉक्टर्स पर हॉस्टल में खिड़कियां गिर रही हैं। उन्होंने कॉलेज प्रशासन को चेताया कि यदि फार्माकोलॉजी विभागाध्यक्ष पर कार्रवाई नहीं हुई तो सभी सेवाएं ठप करनी पड़ेगी। रेजिडेंट्स ने कहा कि हम जनता को परेशान नहीं होने देंगे। अस्पताल में टेंट लगाकर मरीज देखेंगे।

रेजिडेंट डॉक्टर के ओपीडी और वार्ड में काम नहीं करने से सेवाएं प्रवाहित होने लगी है। मरीज परेशान हो रहे हैं। हालांकि मेडिकल कॉलेज में सीनियर डॉक्टर को लगाया है, लेकिन बिना रेजिडेंट डॉक्टर के उनके लिए काम करना आसान नहीं है। इसके चलते आने वाले समय में समाधान नहीं निकला तो चिकित्सकीय सेवाएं पूरी तरह प्रभावित हो जाएगी।

मथुरादास माथुर अस्पताल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट डॉक्टर गणपत चौधरी ने कहा- रेजिडेंट की हड़ताल के बावजूद अस्पताल में व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चल रही है। सभी सीनियर डॉक्टर कार्य में जुटे हुए हैं। सीनियर डॉक्टरों ने व्यवस्थाओं को संभाल लिया है। किसी तरह की कोई खास परेशानी का सामना मरीजों को नहीं करना पड़ रहा।

यह मांगे रखी है :

संबंधित व्यक्ति को तत्काल पद से हटाया जाए जिससे जांच प्रक्रिया निष्पक्ष रह सके। एक स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच समिति गठित की जाए, जिसमे पीडि़त पक्ष एवं उनके परिजनों की बात को गंभीरता से सुना जाए। कॉलेज प्रशासन द्वारा एक आंतरिक जाँच समिति गठित की जाए जिसकी प्रतिदिन प्रगति रिपोर्ट साझा की जाए। रेजिडेंट डॉक्टर के मानसिक स्वास्थ्य, कार्य-सुरक्षा एवं कार्य वातावरण में सुधार को प्राथमिकता दी जाए। उदयपुर में हुई डॉ रवि शर्मा की असामयिक मृत्यु के संबंध में आरडीए की सभी मांगे पूरी की जाए।

(Udaipur Kiran) / सतीश

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