झाबुआ, 20 जून (Udaipur Kiran) । एक नाबालिग बालिका को बहला-फुसलाकर अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने के एक तीन वर्ष पुराने मामले में आरोपित को दोषी पाए जाने पर जिले की विशेष न्यायालय द्वारा आजीवन सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।
थाना कोतवाली पुलिस द्वारा दी गई जानकारी अनुसार अपहरण और दुष्कर्म के उक्त मामले में फरियादी द्वारा थाना झाबुआ में दर्ज कराई गई रिपोर्ट के अनुसार, दिनांक 30 अप्रैल 2022 को रात्रि लगभग 09:30 बजे जब वह पानी पीने के लिए उठा, तो देखा कि उसकी नाबालिग पुत्री घर पर नहीं थी। आसपास एवं रिश्तेदारी में तलाश करने पर भी उसका कोई सुराग नहीं मिला। इधर दूसरी तरफ फरियादी के पड़ोस में रहने वाला लड़का श्रवण भी उसी दिन से अपने घर से लापता था, जिससे उस पर संदेह और पुख्ता हो गया।
पुलिस जानकारी अनुसार मामले में बालिका के परिजन द्वारा दर्ज रिपोर्ट के आधार पर थाना झाबुआ में अपराध क्रमांक 597/2022 धारा 363 आइपीसी के तहत प्रकरण दर्ज कर विवेचना प्रारंभ की गई। विवेचना उप निरीक्षक, कोतवाली थाना, कैलाशचंद सिर्वी द्वारा की गई, और पुलिस द्वारा बालिका की दस्तयाबी उपरांत प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर आरोपी के विरुद्ध गंभीर धाराओं धारा 376(2एन), 376 (3) आय पी सी एवं 5 एल/6, 5 (जे)(ii) पॉक्सो एक्ट का इजाफा किया गया।
प्रकरण में सुनवाई के उपरांत अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट), झाबुआ, सुभाष सुनहरे द्वारा आरोपी श्रवण पुत्र रूमाल उर्फ राजू अजनार, उम्र 23 वर्ष, निवासी मौजीपाड़ा, झाबुआ को दोषसिद्ध पाते हुए धारा 5 एल /6 एवं 5 (जे)(ii) पॉक्सो एक्ट के तहत आजीवन सश्रम कारावास तथा ₹5000/- के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। उक्त प्रकरण में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक श्रीमती मनीषा मुवेल द्वारा प्रभावी रूप से पक्ष प्रस्तुत किया गया।
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(Udaipur Kiran) / डॉ. उमेश चंद्र शर्मा
