
जम्मू, जून 20 (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद लोन की भर्ती में आरक्षण का मुद्दा न उठाने के लिए आलोचना की।
भर्ती में आरक्षण पर कैबिनेट उप-समिति में पत्रकारों से बात करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि जब महबूबा मुफ्ती को वोटों की जरूरत थी तो उन्होंने अपनी पार्टी के सदस्यों को आरक्षण के बारे में बात करने से भी सख्ती से रोक दिया था। जब वह अनंतनाग से चुनाव लड़ रही थीं और राजौरी और पुंछ से वोटों की जरूरत थी तब उन्होंने आरक्षण के बारे में बात क्यों नहीं की। जब यह सब हो रहा था तब सज्जाद लोन पांच साल तक सरकार के करीब थे। हमें हमारे सरकारी घरों से बेदखल कर दिया गया और हमारी सुरक्षा कम कर दी गई जबकि वह सरकारी घर में बैठे थे। उन्होंने तब आरक्षण के बारे में बात क्यों नहीं की। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने छह महीने के भीतर आरक्षण रिपोर्ट पेश कर दी थी और यह पहली बार है जब इस तरह की प्रगति हुई है। अब्दुल्ला ने संवाददाताओं से कहा कि अगर मुझे समय बर्बाद करना होता तो मैं उप-समिति को छह महीने और दे देता। तब वे क्या करते क्या उनके पास मुझे छह महीने में यह रिपोर्ट पूरी करने के लिए मजबूर करने का कोई तरीका था। कैबिनेट ने उप-समिति की रिपोर्ट स्वीकार कर ली है और इसे कानून विभाग को उनकी टिप्पणियों के लिए भेज दिया है।
अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के माध्यम से पंजाब को पानी देने का भी कड़ा विरोध किया। जम्मू-कश्मीर में सिंधु प्रणाली की तीन पश्चिमी नदियों से अधिशेष पानी को पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में पुनर्निर्देशित करने के लिए प्रस्तावित 113 किलोमीटर लंबी नहर पर अब्दुल्ला ने कहा कि मैं इसकी अनुमति कभी नहीं दूंगा। पहले हम अपने पानी का इस्तेमाल खुद करें क्योंकि जम्मू में सूखे जैसी स्थिति है। मैं पंजाब को पानी क्यों भेजूं सिंधु जल संधि के तहत पंजाब के पास पहले से ही पानी है। क्या उन्होंने हमें तब पानी दिया जब हमें इसकी जरूरत थी।
जब उनसे पूछा गया कि क्या नेशनल कॉन्फ्रेंस राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएगी तो अब्दुल्ला ने जवाब दिया हम राज्य के दर्जे के लिए पीएम मोदी के वादे का इंतजार कर रहे हैं। ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव पर टिप्पणी करते हुए अब्दुल्ला ने इजरायल की कार्रवाई पर सवाल उठाए और फंसे हुए भारतीय छात्रों की सुरक्षा के लिए चिंता जताई। अब्दुल्ला ने बताया कि ईरान ने ऐसा क्या किया है कि इजरायल ने उसे निशाना बनाया है कुछ महीने पहले कहा गया था कि ईरान के पास कोई परमाणु कार्यक्रम नहीं है तो अब उसे क्यों निशाना बनाया जा रहा है। हमारे छात्र भी वहां फंसे हुए हैं 400 को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है जम्मू-कश्मीर से फंसे हुए कुल छात्रों की संख्या 1600 है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर की टिप्पणी के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कि उनकी पार्टी के नेतृत्व के साथ उनकी राय अलग है उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह कांग्रेस का आंतरिक मामला है। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ने जम्मू में एक नए रबित्ता कार्यालय का भी उद्घाटन किया जिसका उद्देश्य सार्वजनिक पहुंच और शिकायत निवारण को मजबूत करना है।
(Udaipur Kiran) / राधा पंडिता
