सोनीपत, 18 जून (Udaipur Kiran) । सोनीपत नगर निगम में भ्रष्टाचार की एक और परत उजागर हुई है।
डिप्टी मेयर कार्यालय में तैनात क्लर्क हरिओम पर प्रॉपर्टी आईडी ठीक कराने के नाम पर
15 हजार रुपये रिश्वत लेने का आरोप है। इसका वीडियो सामने आने के बाद नगर निगम
कमिश्नर ने जांच के आदेश दिए हैं। अब आरोपी क्लर्क फरार है,
जिससे जांच प्रक्रिया ठप हो गई है।
क्लर्क हरिओम ने शिकायतकर्ता विनोद से कार्यालय में बैठकर
15 हजार रुपये लिए थे। विनोद ने बताया कि वह अपने भतीजे के साथ डिप्टी मेयर कार्यालय
पहुंचा था। वहां हरिओम ने जेब से नोट गिने और रिश्वत लेकर अपनी जेब में रख लिए। इसके
बाद प्रॉपर्टी आईडी की समस्या एक दिन में हल कर दी गई। हरिओम ने विनोद को आश्वासन भी
दिया कि वह अब उससे ज्यादा कोशिश करेगा और एनओसी भी निकलवा देगा।
बुधवार को जांच अधिकारी जॉइंट कमिश्नर मीतू धनखड़ ने बताया
कि आरोपी क्लर्क न तो किसी प्रकार की छुट्टी के लिए आवेदन दिया है और न ही लेखा शाखा
में सूचना दी है। पहले दो नोटिसों का भी उसने
कोई जवाब नहीं दिया। अब तीसरा नोटिस शुक्रवार को पेश होने के लिए भेजा गया है, जिसके
बाद भी यदि वह गैरहाजिर रहता है, तो एकतरफा कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला इसलिए और गंभीर है,क्योंकि निगम की ओर से प्रॉपर्टी
आईडी की समस्या निःशुल्क हेल्प डेस्क और ऑनलाइन प्रक्रिया के जरिए हल की जाती है।
दाे से 15 दिन में आईडी ठीक करने का प्रावधान है। भ्रष्टाचार की वजह से लोगों की
फाइलें बार-बार रिजेक्ट कर दी जाती हैं ताकि वे मजबूरी में रिश्वत देने को मजबूर हों।
सेक्टर-7 निवासी सतीश के अनुसार, निगम कार्यालयों और सरल केंद्रों में दलाल सक्रिय
रहते हैं, जो आम जनता को ठगने का काम कर रहे हैं।
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(Udaipur Kiran) शर्मा परवाना
