रुड़की, 18 जून (Udaipur Kiran) । क्षेत्र में नकली कीटनाशकों की बिक्री लगातार बढ़ रही है, जिससे किसान भारी आर्थिक नुकसान झेलने को मजबूर हैं। स्थानीय स्तर पर कुछ चुनिंदा दुकानदार असली दवाइयों के नाम पर मिलावटी और नकली कीटनाशक बेचकर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। ये दुकानदार शासन और कृषि विभाग के स्पष्ट निर्देशों की धज्जियां उड़ाते हुए किसानों के साथ खुला छल कर रहे हैं।
किसानों की शिकायत, असरहीन दवाएं और नुकसानदायक परिणाम गन्ने की फसल में फैलते रोगों को रोकने के लिए किसान कीटनाशक दवाइयों का सहारा ले रहे हैं, लेकिन बाजार में बिक रही नकली दवाएं कोई असर नहीं दिखा रही हैं। इससे फसलें खराब हो रही हैं और किसान की आर्थिक हालत बद से बदतर होती जा रही है। किसानों का कहना है कि वे असली समझकर महंगी दवाइयां खरीदते हैं, लेकिन फसल पर उसका कोई सकारात्मक असर नहीं दिखता।
बिना लाइसेंस के बिक्री, विभागीय मिलीभगत की भी आशंका
कुछ दुकानदारों द्वारा बिना पंजीकरण या लाइसेंस के कीटनाशक बेचे जा रहे हैं। जानकारी यह भी सामने आ रही है कि कुछ विक्रेताओं की विभागीय अधिकारियों से मिलीभगत के कारण यह अवैध धंधा धड़ल्ले से चल रहा है। ये दुकानदार किसानों को भ्रमित कर गलत सलाह देकर अपनी दुकानदारी चमका रहे हैं।
शासन के निर्देशों की खुली अनदेखी
उत्तराखंड शासन ने सख्त निर्देश जारी कर रखे हैं कि कोई भी दुकानदार नकली उर्वरक या कीटनाशक नहीं बेचेगा। उल्लंघन की स्थिति में जुर्माने के साथ-साथ कठोर विधिक कार्रवाई की जाएगी। बावजूद इसके, संबंधित विभाग की निष्क्रियता और कमजोर निगरानी प्रणाली के कारण यह गोरखधंधा फल-फूल रहा है।
रुड़की से लेकर ऊधमसिंह नगर तक फैला नेटवर्क
नकली कीटनाशकों का यह कारोबार सिर्फ रुड़की तक सीमित नहीं है, बल्कि लक्सर, भगवानपुर और ऊधमसिंह नगर जैसे क्षेत्रों में भी इसका जाल फैला हुआ है। इन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में किसान खेती पर निर्भर हैं, और नकली कीटनाशकों की वजह से उनकी फसलें बर्बाद हो रही हैं।
प्रशासन से कार्रवाई की मांग
किसान संगठनों और जागरूक नागरिकों ने मांग की है कि प्रशासन इस विषय पर तुरंत संज्ञान ले और एक विशेष अभियान चलाकर बिना लाइसेंस और नकली कीटनाशक बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। साथ ही किसानों को जागरूक करने के लिए शिविर और निरीक्षण अभियान भी चलाए जाएं।
(Udaipur Kiran) / Ajay Saini
