Uttrakhand

पीने लायक नहीं है नैनीताल की झीलों का पानी

nainital- water

हल्द्वानी, 18 जून (Udaipur Kiran) । देश दुनिया में प्रसिद्ध नैनीताल की नैनीझील समेत आसपास की सभी झीलें और प्रमुख नदियों का पानी सीधे पीने लायक नहीं बचा है। दरअसल यहां की चार झीलों और नदियों का पानी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सैंपल जांच में बी-ग्रेड यानि मध्यम प्रदूषित पाया गया है।

विशेषज्ञों के अनुसार यह पानी सिंचाई या औद्योगिक उपयोग के लिए ठीक है, लेकिन इस पानी को बिना ट्रीटमेंट के पीना खतरे से खाली नहीं है। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक उनके द्वारा नैनीझील के अलावा भीमताल, नौकुचियाताल और सातताल झील के सैंपल जून में जांच के लिए भेजे गए थे। इसके अलावा देहरादून की लेबोरेट्री में जांच के लिए शिप्रा, गौला, कोसी और सरयू नदी के पानी का नमूना भी भेजा गया।

ऐसे में जांच के दौरान चारों झीलों और नदियों का पानी अशुद्ध यानि प्रदूषित पाया गया। इस सभी सैंपल का जांच में ग्रेड-बी आया है, इसे मध्यम प्रदूषित कहा जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार यह पानी सीधा पीने योग्य नहीं है। इसका उपयोग केवल सिंचाई या औद्योगिक क्षेत्र में किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि इनके पानी में रासायनिक और जैविक पदार्थ होने का अनुमान है, जिस कारण पीने से पहले इसका ट्रीटमेंट जरूरी है। प्रदूषक तत्व और ऑक्सीजन स्तर कम होने के कारण भी नदी व झीलों का पानी बी ग्रेड का हो जाता है। बी-ग्रेड पानी में प्रदूषक तत्व जैसे कि भारी धातु, रासायनिक पदार्थ और जैविक पदार्थ होते हैं। इसके अलावा पानी में जीवाणु और वायरस की उपस्थिति हो सकती हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

पीसीबी के क्षे​त्रीय अधिकारी अनुराग नेगी के अनुसार हमने झीलों और नदियों के पानी के सैंपल भेजे थे, जिनकी रिपोर्ट आ गई है। सभी झील और नदी के सैंपल बी-ग्रेड यानि प्रदूषित आए हैं, जो सीधे पीने योग्य नहीं है। पर्यटकों को भी इससे बचना चाहिए।

(Udaipur Kiran) / DEEPESH TIWARI

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