
– वन विभाग की नाइट पेट्रोलिंग के बावजूद नहीं थम रहा अवैध खनन
मीरजापुर, 18 जून (Udaipur Kiran) । गंगा की लहरों पर बह रही संवेदनहीनता की कहानी! सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रयागराज के मेजा क्षेत्र के कोठारी गांव से मीरजापुर के छानबे क्षेत्र के नदिनी गांव तक अधिसूचित कछुआ सैंक्चुअरी, आज भी अवैध खनन और शिकार का गढ़ बनी हुई है। जलीय जीवों के संरक्षण के नाम पर बनाए गए इस क्षेत्र में बालू माफिया और शिकारी अब भी खुलेआम अपनी करतूतों को अंजाम दे रहे हैं।
प्रयागराज डीएफओ के निर्देश पर वन विभाग की टीम ने नाइट पेट्रोलिंग की। मेजा रेंज के वन क्षेत्राधिकारी अजय सिंह के नेतृत्व में मंगलवार की रात गंगा घाटों पर छापेमारी की गई। कार्रवाई की भनक लगते ही बालू खनन की तैयारी में जुटे नाविक अंधेरे का फायदा उठाकर गंगा के गहरे पानी में मोटर नौकाओं सहित भाग निकले।
वन क्षेत्राधिकारी अजय सिंह ने माना कि छापेमारी की सूचना पहले ही लीक हो चुकी थी, जिससे माफियाओं के हौंसले और बुलंद हो गए हैं। उन्होंने बताया कि संरक्षित क्षेत्र में सिर्फ बालू खनन ही नहीं, बल्कि कछुआ, डॉल्फिन और अन्य जलीय जीवों का शिकार भी धड़ल्ले से किया जा रहा है।
23 मई को गोगांव के 12 नाविकों के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। एक नाव जब्त की गई थी। इससे पूर्व एसडीएम सदर के निर्देश पर स्थानीय थाने में 12 लोगों पर खनिज अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज हो चुका है। बावजूद इसके कछुआ सैंक्चुअरी में माफिया बेलगाम हैं।
वन विभाग की टीम में उप वन क्षेत्राधिकारी सर्वेश मिश्र, वन दरोगा धर्मेन्द्र कुमार, अरुण श्रीवास्तव, वन रक्षक अनिल कुमार और सुरक्षा प्रहरी शामिल थे।
(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा
