
नई दिल्ली, 18 जून (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के एडीजीपी एचएम जयराम की गिरफ्तारी मामले में मद्रास हाई कोर्ट पर सख्त एतराज जताया है। जस्टिस उज्जवल भुईयां की अध्यक्षता वाली वेकेशन बेंच ने तमिलनाडु सरकार से पूछा कि एडीजीपी को निलंबित करने की क्या जरूरत आ पड़ी? सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को 19 जून तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
दरअसल, मद्रास हाई कोर्ट ने अपहरण के एक मामले में तमिलनाडु के एडीजीपी एचएम जयराम को गिरफ्तार करने का आदेश दिया था। सुनवाई के दौरान जयराम के वकील ने बताया कि हाई कोर्ट के आदेश के तुरंत बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया और सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद छोड़ा गया। हालांकि तमिलनाडु सरकार का कहना है कि जयराम को औपचारिक रुप से गिरफ्तार नहीं किया गया था बल्कि उन्हें हिरासत में लिया गया और बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। फिलहाल जयराम को निलंबित कर दिया गया है।
तमिलनाडु पुलिस के मुताबिक वनराजा नामक व्यक्ति की बेटी ने 22 वर्षीय युवक से परिवार की सहमति के बिना प्रेम विवाह किया था। वनराजा ने पूर्व महिला कांस्टेबल महेश्वरी से बेटी को वापस लाने में मदद मांगी थी। महेश्वरी ने कथित रुप से एडीजीपी जयराम से संपर्क किया था, जिन्होंने विधायक पीजे मूर्ति को इसमें शामिल किया।
तमिलनाडु पुलिस के मुताबिक जब युवक का पता नहीं चला तो आरोपिताें ने उसके छोटे भाई को अगवा कर लिया। तमिलनाडु पुलिस के मुताबिक जब दबाव बढ़ा तब युवक के छोटे भाई को एडीजीपी जयराम की आधिकारिक कार में छोड़ा गया जिसे एक पुलिस कांस्टेबल चला रहा था।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / अमरेश द्विवेदी
