नई दिल्ली, 16 जून (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी. के. मिश्रा ने सोमवार को गुजरात के धोलेरा और लोथल में प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का मूल्यांकन करते हुए साइट निरीक्षण और उच्च स्तरीय समीक्षा बैठकें कीं। ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के औद्योगिक और आर्थिक विकास के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अनुसार, डॉ. मिश्रा ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा कार्यान्वित निर्माणाधीन अहमदाबाद-धोलेरा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का दौरा किया। उन्होंने अहमदाबाद और धोलेरा के बीच यात्रा समय को 45 मिनट तक कम करने की एक्सप्रेसवे की क्षमता पर प्रकाश डाला और वैश्विक गुणवत्ता वाले सड़क मानकों के साथ समय पर निष्पादन पर जोर दिया।
धोलेरा विशेष निवेश क्षेत्र (डीएसआईआर) में डॉ. मिश्रा ने धोलेरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की प्रगति का मूल्यांकन किया। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि कार्गो संचालन अक्टूबर 2025 तक शुरू हो जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को समयसीमा का पालन करने और एक्सप्रेसवे के साथ निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
डॉ. मिश्रा ने टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन (फैब) परियोजना का निरीक्षण किया, जो घरेलू चिप निर्माण में एक प्रमुख पहल है। उन्होंने मोबाइल उपकरणों, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोटिव अनुप्रयोगों के लिए चिप्स सहित इसके उत्पादन दायरे की समीक्षा की। उन्होंने धोलेरा इंडस्ट्रियल सिटी डेवलपमेंट लिमिटेड (डीआईसीडीएल) द्वारा विकसित सामाजिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं-स्कूलों, अस्पतालों और आवासीय परिसरों का भी दौरा किया। उन्होंने उपयोगकर्ता अनुभव पर जोर दिया, हितधारक प्रतिक्रिया एकीकरण का आह्वान किया।
डॉ. मिश्रा ने डीआईसीडीएल, डीआईएसीएल, एनएचएआई, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और भारतीय रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक व्यापक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेसवे, भीमनाथ-धोलेरा फ्रेट रेल लिंक, अहमदाबाद-धोलेरा सेमी-हाई-स्पीड रेल लाइन, धोलेरा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे सहित प्रमुख परियोजनाओं की समीक्षा की। मिश्रा ने धोलेरा को वैश्विक मानक स्मार्ट औद्योगिक शहर के रूप में विकसित करने के लिए गुजरात सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने समय पर परियोजना पूरी करने, कुशल कार्यबल की उपलब्धता और मजबूत योजना के महत्व पर जोर दिया।
डॉ. मिश्रा ने बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय के तहत एक प्रमुख पहल, राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (एनएमएचसी) का निरीक्षण किया। उन्होंने जलमार्ग मंत्रालय के सचिव टी. रामचंद्रन और मंत्रालय, गुजरात समुद्री बोर्ड, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, एनएचएआई और भारतीय रेलवे के अन्य अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। मिश्रा ने इस बात पर जोर दिया कि एनएमएचसी को भारत के समुद्री अतीत के लिए एक विद्वत्तापूर्ण श्रद्धांजलि के रूप में काम करना चाहिए, उन्होंने गहन शोध, अकादमिक सहयोग और एक सोच-समझकर योजनाबद्ध आगंतुक अनुभव के महत्व पर जोर दिया।
मिश्रा ने स्थानीय प्रजातियों के वृक्षारोपण और जल प्रबंधन प्रणालियों सहित पर्यावरण स्थिरता उपायों की भी समीक्षा की। उन्होंने एनएमएचसी के अद्वितीय पैमाने और महत्व पर प्रकाश डाला, तथा हड़प्पा सभ्यता से लेकर अब तक भारत की समुद्री विरासत को बयान करने वाली कलाकृतियों को संरक्षित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। डॉ. मिश्रा ने छह दीर्घाओं सहित चरण I-ए निर्माण का भी निरीक्षण किया और अगस्त 2025 तक इसे पूरा करने का निर्देश दिया।
डॉ. मिश्रा के साथ प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारी तरुण कपूर, प्रधानमंत्री के सलाहकार, तथा प्रधानमंत्री कार्यालय में उप सचिव मंगेश घिल्डियाल भी थे।
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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार
