HimachalPradesh

एचपीएमएफडीसी की बैठक में अल्पसंख्यकों के लिए योजनाओं की समीक्षा, 2025-26 के बजट व नए प्रस्तावों को मिली मंजूरी

एचपीएमएफडीसी की 53वीं बैठक

शिमला, 12 जून (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम (एचपीएमएफडीसी) की 53वीं बैठक गुरूवार काे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में अल्पसंख्यक समुदायों के लिए चलाई जा रही योजनाओं और गतिविधियों की विस्तृत समीक्षा की गई।

डॉ. शांडिल ने बताया कि राज्य के विभिन्न जिलों में आयोजित जागरूकता शिविरों को समुदाय से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है, जिससे योजनाओं की पहुंच बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे, इसके लिए सामुदायिक स्तर पर सक्रिय भागीदारी आवश्यक है।

एचपीएमएफडीसी अल्पसंख्यक समुदायों को पर्यटन, कृषि, पारंपरिक व्यवसायों, कारीगरी, लघु उद्योग, सेवा एवं परिवहन क्षेत्र में रोजगार हेतु अधिकतम ₹30 लाख तक का टर्म लोन उपलब्ध कराता है। इसमें जनरल स्टोर, ढाबा, कपड़े की दुकान, मेडिकल शॉप, डेयरी यूनिट, कंप्यूटर सेंटर, टैक्सी, ट्यूबवेल, मधुमक्खी पालन आदि के लिए ऋण शामिल हैं। इसके अलावा ₹20 लाख तक की शिक्षा ऋण सुविधा और स्वयं सहायता समूहों को उपकरणों के लिए ऋण भी प्रदान किए जाते हैं।

वित्त वर्ष 2024-25 में निगम ने 150 लाभार्थियों को कुल ₹8.71 करोड़ की वित्तीय सहायता दी, जबकि हिमाचल प्रदेश दिव्यांग वित्त एवं विकास निगम (एचपीडीएफडीसी) ने 65 दिव्यांग लाभार्थियों को ₹4.37 करोड़ की सहायता प्रदान की। अब तक एचपीएमएफडीसी द्वारा 106.56 करोड़ रुपये के ऋण 3635 लाभार्थियों को और एचपीडीएफडीसी द्वारा 64.05 करोड़ रुपये के ऋण 1962 लाभार्थियों को वितरित किए जा चुके हैं।

एचपीएमएफडीसी के सर्वाधिक लाभार्थी सिरमौर, शिमला, सोलन, चंबा, बिलासपुर और मंडी जिलों से हैं। बैठक में वर्ष 2025-26 के लिए राजस्व बजट, आंतरिक एवं वैधानिक ऑडिटरों की नियुक्ति, निदेशकों की नियुक्ति समेत कई प्रस्तावों पर चर्चा कर उन्हें मंजूरी दी गई।

डॉ. शांडिल ने कहा कि राज्य सरकार सभी वर्गों, विशेषकर अल्पसंख्यकों के समावेशी विकास और सशक्तिकरण के लिए निरंतर प्रयासरत है और योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित कर रही है।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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